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गोबर का बिज़नेस । लाखों में कमाई । बस करना होगा ये

वर्मी कम्पोस्ट जिस भी खेत में डाल दिया जाता है उस खेत में जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि हो जाती है। इसका इस्तेमाल करने से खेतों में पैदा होने वाले खरपतवार पर भी रोक लगती है क्योंकि वर्मी कम्पोस्ट की वजह से खरपतवार ना के बराबर उगते हैं। वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से फसल का हर एक पैदा निरोग रहता है। साथ में फसल से पैदा हुए अनाज भी स्वस्थ और स्वादिष्ट होते हैं।

Vermi Compost: : आजकल देश के किसान और गावं में रहने वाले सभी लोग स्मार्ट बनते जा रहे हैं। ऐसे में कमाई के नये नये तरीके रोज निकलकर सामने आते जा रहे है। एक खाद होता है जो गोबर से बनता है जिसको वर्मी कम्पोस्ट खाद बोला जाता है। किसान और पशुपालन करने वाले सभी लोग आजकल वर्मीकंपोस्ट से लाखों की कमाई कर रहे हैं।

वर्मी कम्पोस्ट का चलन अचानक से बढ़ गया है और गावं में रहने वाले सभी किसान और पशुपालन करने वाले इसको तैयार करके बेच रहे है। इससे ना सिर्फ उनको लाखों में मुनाफा हो रहा है बल्कि जरूरतमंदों को वर्मी कम्पोस्ट भी मिल जाता है। वैसे किसानो को आगे बढ़ाने के लिए सरकार भी समय समय पर नई नई योजनाएं लेकर आती रहती है। ऐसे में वर्मीकंपोस्ट तैयार करने में सरकार भी किसानो की मदद कर रही है।

क्या होता है वर्मीकंपोस्ट

वर्मी कम्पोस्ट को केंचुआ खाद के नाम से भी जाना जाता है। इस खाद को किसानो द्वारा गोबर और केंचुओं की मदद से तैयार किया जाता है। ये खाद फसलों के लिए बहुत ही लाभदायक होता है और इसको तैयार होने में करीब 25 दिन का समय लगता है। वर्मी कम्पोस्ट में नाइट्रोजन और पोटाश की मात्रा बहुतायत रूप में पाई जाती है। इस कारण से ये फसलों का विकाश भी तेजी से करता है। इस खाद को गीले नमीयुक्त और अंधेरे स्थान पर तैयार किया जाता है।

वर्मीकंपोस्ट कैसे तैयार होता है

वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार करने के लिए सबसे पहले एक नमीयुक्त और अँधेरी जगह की जरुरत होती है जहां सूर्य की रोशनी नहीं आती हो। वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए किसी भी पशु का गोबर इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे गाय, भैंस, बकरी, भेड़ आदि । निश्चित स्थान पर गद्दा खोदकर क्यारियां तैयार की जाती है और उसमे गोबर को दाल दिया जाता है। फिर उस गोबर में केंचुएं छोड़ दिए जाते है। ये केंचुए एक महीने से इस गोबर को वर्मी कम्पोस्ट खाद में बदल देते हैं।

वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग क्या क्या हैं

वर्मी कम्पोस्ट खाद बहुत ही लाभदायक है। वर्मी कम्पोस्ट खाद फसलों के लिए तो महत्वपूर्ण है ही साथ में जिस खेत में इसको डाला जाता उस खेत की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ जाता है जिससे खेतों में फसल की अधिक पैदावार होती है। वर्मी कम्पोस्ट खाद के इस्तेमाल से पर्यावरण को भी कोई खतरा नहीं होता है। किसान भाई इसको खेतों में डालकर पैसे की भी बचत करते हैं क्योंकि वर्मी कम्पोस्ट खाद यूरिया और डीएपी की तुलना में बहुत अधिक सस्ता होता है।

वर्मी कम्पोस्ट जिस भी खेत में डाल दिया जाता है उस खेत में जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि हो जाती है। इसका इस्तेमाल करने से खेतों में पैदा होने वाले खरपतवार पर भी रोक लगती है क्योंकि वर्मी कम्पोस्ट की वजह से खरपतवार ना के बराबर उगते हैं। वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से फसल का हर एक पैदा निरोग रहता है। साथ में फसल से पैदा हुए अनाज भी स्वस्थ और स्वादिष्ट होते हैं।

सरकार कर रही किसानो की मदद

जब किसान वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार करके अपनी आमदनी बढ़ा रहे है तो वही दूसरी और सरकार भी किसानो की मदद कर रही है। सरकार किसानो के द्वारा तैयार वर्मी कम्पोस्ट खाद को खरीद रही है। देश के कई राज्य तो ऐसे है जहां सरकार किसानो से सिहड़े गोबर खरीद रही है जिससे ईंधन बनाया जाता है। साथ में किसानो के द्वारा तैयार वर्मी कम्पोस्ट को भी सरकार खरीद रही है और किसानो को इसके अच्छे दाम भी देती है।

Vinod Yadav

विनोद यादव हरियाणा के रहने वाले है और इनको करीब 10 साल का न्यूज़ लेखन का अनुभव है। इन्होने लगभग सभी विषयों को कवर किया है लेकिन खेती और बिज़नेस में इनकी काफी अच्छी पकड़ है। मौजूदा समय में किसान योजना वेबसाइट के लिए अपने अनुभव को शेयर करते है। विनोद यादव से सम्पर्क करने के लिए आप कांटेक्ट वाले पेज का इस्तेमाल कर सकते है।

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