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पिपरमेंट की खेती करके किसान कमा रहे है लाखों में, देखें कैसे होती है पिपरमेंट की खेती

पिपरमेंट या फिर मेंथा की खेती भारत में काफी बड़े स्तर पर की जाती है और इसकी खेती से किसानों को काफी लाभ भी मिलता है। पिपरमेंट एक तरह की आयुर्वेदिक खेती है जिसके चलते इस फसल के दाम हमेशा से ही बाजार में हाई रहते है। पिपरमेंट को कई अलग अलग नाम से जाना जाता है जिनमे पिपरमेंट, मेंथा, यूरोपियन मिंट, मेंथा प्रीपरेटा आदि। मेंथा का पौधा झाड़ीनुमा होता है और ये भारत में यूरोपीय देशों से लाया गया है।

पिपरमेंट में तीन प्रकार के विशेष तत्व पाए जाते है जिसक वजह से ये बहुत खास हो जाता है। इसमें साइट्रोनिल्ला, जेरेनियल और जेरेनाइल एसिटेट की मात्रा होने की वजह से इसकी डिमांड काफी अधिक रहती है। पिपरमेंट की खेती से किसान काफी मोटी कमा कर सकते है। चलिए इस आर्टिकल में हम जानते है की आखिर पिपरमेंट की खेती कैसे कर सकते है ताकि किसान भाई अधिक से अधिक कमाई कर सकते।

पिपरमेंट की खेती कैसे करें – खेत की तैयारी

पिपरमेंट की खेती करने के लिए हमेशा की तरह सबसे पहले किसान भाइयों को खेत की तैयारी करनी होती है। पिपरमेंट की खेती के लिए जिस भूमि का आप चुनाव करने वाले है उसमे पहले आपको ये देखना होगा की उसमे जल भराव की समस्या तो नहीं आती है क्योंकि जल भराव होने के कारण आपकी पूरी फसल बर्बाद हो सकती है।

इसके साथ में आपको ये भी ध्यान रखना होगा की जिस खेत में आप मेंथा की खेती करने जा रहे है उस खेत की मिटटी का pH मान 6 से लेकर साढ़े सात तक होना चाहिए। अगर आपके खेत में मिटटी का pH मान इससे ज्यादा है तो आपको उस मिटटी को चेक करवाकर उसका उपचार करना होगा और उसके बाद में आपको मेंथा की खेती उस खेत में करनी है।

खेत में सबसे पहले आपको गोबर की सड़ी हुई खास का छिड़काव करना है और उसके बाद में उसकी अच्छे से मिटटी पलटने वाली मशीन से जुताई और मिटटी को पलटी करनी है ताकि गोबर का खाद मिटटी के अंदर चला जाये। उसके बाद में आपको दो बार और जुताई करके मिटटी को भुरभुरा करना है और फिर पलटा लगा कर खेत को समतल कर देना है।

पिपरमेंट की खेती कैसे करें – पौध तैयारी और पौध रोपण

खेत की तैयारी होने के बाद में आपको अब सबसे पहले नर्सरी में पौधे तैयार करने हैं ताकि इनको खेत में रोपाई की जा सके। इसके लिए आपको खेत के कोने में कुछ क्यारियों को तैयार करना है और फिर मेंथा की जड़ों को उसमे लगा सकते है ताकि उनसे पौधे तैयार किये जा सके। इसके अलावा आप सीधे बीच से भी पौधे तैयार कर सकते है। इसमें आपको समय समय पर सिंचाई करते रहना है ताकि आपके पौधे अच्छे से तैयार हो सके। अगर आप बीच के जरिए पौधे तैयार करना चाहते है तो निचे इसकी किस्मों के बारे में भी जानकारी दी गई है।

पौधे तैयार होने के बाद में आपको इन पौधों को खेत में लगाना है। पौधे खेत में लगाने के लिए आपको ये ध्यान रखना होता है की एकपौधे से दूसरे पौधे के बीच की दुरी को आपको सही से ध्यान में रख कर पौध रोपण करना है। एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच की दुरी लगभग 15 से 20 सेंटीमीटर होनी चाहिए ताकि पौधे को फैलाव करने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके। इसके अलावा पौधे की जो लाइन बनेंगी उनमे एक लाइन से दूसरे लाइन की दुरी आपको लगभग 25 से 30 सेंटीमीटर रखनी होती है। रोपाई करने के बाद में आपको तुरंत खेत में हलकी सिंचाई करनी है ताकि सभी पौधे लग जायें।

पिपरमेंट की खेती कैसे करें – सिंचाई प्रक्रिया

पिपरमेंट की खेती में आपको अब पौध रोपण के बाद में सिंचाई पर ध्यान देना होगा। आपको हर 20 दिन के अंतराल पर इसकी सिंचाई करनी है लेकिन अगर आपके एरिया में जमीं में नमी जल्दी चली जाती है तो फिर आपको सिंचाई की अवधी को कम करके हर 15 दिन में सिंचाई करनी है। इसके अलावा आप भी इसके लिए ये चेक कर सकते है की आपके खेत में अगर नमी चली गई है तो फिर तुरंत सिंचाई जरूर करें।

इसके अलावा आपको पिपरमेंट की खेती में खरपतवार का भी ध्यान रखना होगा क्योंकि अगर आपके खेत में खरपतवार अधिक होगा तो वो आपकी फसल को नुक्सान कर सकता है। इसलिए आपको इसके लिए अपने खेत में पेन्डीमेंथलीन 30 ईसी के 3.3 प्रति लीटर हेक्टेयर में लगभग 750 लीटर पानी में घोल बनाकर इसका छिड़काव करना होगा। इसको आपको पढ़ रोपण के तुरंत बाद करना होता है और इसके अलावा आपको पिपरमेंट में ओट आने के ठीक पहले भी इसका छिड़काव अपने खेत में करना होता है।

पिपरमेंट की खेती कैसे करें – कटाई कब करें

पिपरमेंट की फसल की कटाई दो बात की जाती है और जब आप इसकी पहल कटाई कर देते है तो उसके लगभग 3 महीने के बाद में फिर से पौधों पर कलियाँ आने लगती है। लगभग 100 दिन के बाद में आपको पहली कटाई करनी होती है और कटाई में आपको ये भी ध्यान रखना होता है की जमीं से लगभग 6 सेंटीमीटर ऊपर से पौधें की कटाई करनी होती है ताकि उस पौधे में फिर से फुटाव हो सके और फिर से पैदावार ली जा सके।

कटाई करने के बाद में आपको इसको एक दिन के लिए धुप में सुखाना है और इसके बाद छांव में सूखने के लिए छोड़ दें। इसके बाद आपकी फसल बेचने के लिए तैयार है। आप चाहे तो इसका तेल निकलकर भी बेच सकते है लेकिन उसका अगर आपके पास में प्रबंध है तो नहीं तो आप सीधे भी इसको बेच सकते है। मेंथा की खेती अगर आप एक हेक्टेयर में करते है तो उससे लगभग 250 किलो तेल आसानी से प्राप्त हो जाता है।

पिपरमेंट की खेती कैसे करें – उन्नत किस्मे

पिपरमेंट की बहुत सी उन्नत किस्मे इस समय बाजार में उपलब्ध है जिनकी बुवाई करके किसान भाई अच्छी कमाई कर सकते है। इन उन्नत किस्मों में सिम उन्नति, सिम कोशी, सिम क्रांन्ति, कुशल, कालका, कोसी, हिमालय, गोमती, एममएस-1, डमरू, संभव, सक्षम और सिम सरयू किस्म है। भारत में सबसे अधिक इन्ही किस्मों की बुवाई की जाती है और किसानो को इससे काफी उपज प्राप्त होती है।

Vinod Yadav

विनोद यादव हरियाणा के रहने वाले है और इनको करीब 10 साल का न्यूज़ लेखन का अनुभव है। इन्होने लगभग सभी विषयों को कवर किया है लेकिन खेती और बिज़नेस में इनकी काफी अच्छी पकड़ है। मौजूदा समय में किसान योजना वेबसाइट के लिए अपने अनुभव को शेयर करते है। विनोद यादव से सम्पर्क करने के लिए आप कांटेक्ट वाले पेज का इस्तेमाल कर सकते है।

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