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Soul Testing : अब खुद करे खेत में मिटटी का जाँच, बढ़ेगा फसलों का उत्पादन

किसान भाई खेत की मिटटी की जाँच करके उसमे फसल का अच्छा उत्पादन ले सकते है। इसके लिए आप खुद भी मिटटी की जाँच कर सकते है। इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले है की किस प्रकार से आप अपने खेत की मिटटी की जाँच कर सकते है। मिटटी की जाँच करने के बाद आपको पता चल जाता है की खेत में किस खनिज की कमी है और किस तरह की फसल को आप खेत में लगा कर अच्छी पैदावार ले सकते है। किसानो को मिटटी की जाँच के लिए शहरो का रुख करना पड़ता है। लेकिन आप मिटटी की जाँच अपने घर पर ही कर सकते है। और आसानी से पता लगा सकते है की आपके खेत की मिटटी में किस खनिज की कमी है। इसका आसान तरीका आपको बता रहे है

Soul Testing – मिटटी की जाँच करवाना जरुरी है और हर तीन साल में मिटटी की जाँच करवाने से किसान भाई फसल का अच्छा उत्पादन ले सकते है। मिटटी की जाँच करवाने से खेत में जिन भी खनिज पदार्थो की कमी है उसका पता चल जाता है और किसान भाई उर्वरको के माध्यम से इस कमी को पूर्ण कर करके फसलों का उत्पादन बढ़ा सकते है। छत्तीशगढ़ के इंदिरा गाँधी विश्वविधालय ने खेतो की मिटटी की जाँच के लिए एक किट तैयार की है जिसके माध्यम से किसान अपने घर से ही मिटटी की जाँच कर सकते है।

इस किट की मदद से किसान अपने खेतो में मिटटी के सभ पोषक तत्वों की जाँच कर सकते है। और इस किट को भारत सरकार की तरफ से भी पेटेंट सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है। IGU छत्तीशगढ़ के जनसम्पर्क अधिकारी संजय नैयर ने जानकारी दी की इस किट के माध्यम से कोई भी किसान अपने खेत की मिटटी की जानकारी घर पर ही ले सकते है। सरकार की तरफ से मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाता है जिसके तहत किसान को खेत की मिटटी का सैंपल कृषि विभाग में लेकर आना पड़ता है। और इसमें टाइम भी लगता है।

विश्वविद्यालय के कुलपति एसके पाटिल के नेतृत्व में मृदा वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस मृदा परीक्षण किट को विकसित करने के बाद वर्ष 2016 में इसके पेटेंट के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research) के माध्यम से अप्लाई किया था, जिसे पिछले सप्ताह केंद्र ने मंजूरी दे दी.

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किसान इस किट की मदद से खेत की मिटटी में पोटाश, सल्फर , नाइट्रोजन और अन्य पोषक तत्वों की जानकारी पता कर सकते है। और उचित मात्रा में खनिज उर्वरको का उपयोग करके खेतो की मिटटी की कमी को पूरा कर सकते है। इससे फसलों का उत्पादन भी बढ़ेगा।

इस किट की कीमत 4 से 5 हजार रूपये की बीच है और इस किट के साथ जो भी केमिकल और जाँच के उपकरण इस्तेमाल होते है। वो सभी इसमें उपलब्ध होंगे साथ में ही इसमें किसानो को एक यूजर मैन्युअल भी मिलता है जिसमे इस किट को कैसे उपयोग करना है इसकी जानकारी दी गई है

इस किट में अलग अलग केमिकल का उपयोग करके मिटटी की पोषक क्षमता का पता लगाया जा सकता है। और उसी के आधार पर फसलों का चयन किया जा सकता है। इस किट से किसानो का समय और पैसा दोनों बचेंगे। इस किट से किसान 25 सैंपल की जाँच कर सकते है।

25 सैम्पल टेस्ट करने के बाद किट में कोई खराबी नहीं आएगी। लेकिन केमिकल खत्म हो जाता है जो आपको दोबारा से खरीदना पड़ेगा और ये केमिकल दो हजार रूपये की कीमत में आता है। यूनिवर्सिटी ने इस किट के लिए एक कंपनी से करार किया है और जल्द ही ये किट मार्किट में उपलब्ध होगी। जिसके माध्यम से किसान अपने खेत की मिटटी की जाँच खुद कर सकेंगे

Vinod Yadav

विनोद यादव हरियाणा के रहने वाले है और इनको करीब 10 साल का न्यूज़ लेखन का अनुभव है। इन्होने लगभग सभी विषयों को कवर किया है लेकिन खेती और बिज़नेस में इनकी काफी अच्छी पकड़ है। मौजूदा समय में किसान योजना वेबसाइट के लिए अपने अनुभव को शेयर करते है। विनोद यादव से सम्पर्क करने के लिए आप कांटेक्ट वाले पेज का इस्तेमाल कर सकते है।

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