पोली हाउस के लिए नाबार्ड ने दी 280 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी, किसानो को मिलेगी 80 प्रतिशत सब्सिडी
आज का समय उन्नत खेती का है और किसानो को सरकार की तरफ से उन्नत खेती के लिए समय समय पर अनुदान राशि भी जारी की जाती है। सरकार की तरफ से किसानो की आय को बढ़ाने के लिए प्रयास किये जा रहे है और किसान पोली हाउस लगा कर कम कीमत में अच्छा मुनाफा कमा सकते है इस पोस्ट में हम आपको पोली हाउस पर मिलने वाली सब्सिडी और पोली हाउस लगाने के तरीके के बारे में बताने जा रहे है आइये जानते है पोली हॉउस क्या होता है
पोली हाउस एक तरीके से बांस या लोहे के पाइप से बना हुआ घर होता है जिसके अंदर सब्जियों और फलो का उत्पादन किया जाता है इसमें पॉलीथिन की मदद से कवर किया जाता है। और इसमें टेम्प्रेचर और वायु में नमी, प्रकाश को नियंत्रण करने की सुविधा होती है। इसमें फसलों को रोग भी बहुत कम लगते है पोली हाउस दो तरीके से तैयार किया जा सकता है एक तो आप बांस के आधार पर पाली हाउस बना सकते है इसमें लागत कम आती है और इसको नेचुरल वेंटिलेंटर पोली हाउस भी कहा जाता है लेकिन इसमें आपको नमी की मात्रा, प्रकाश और तापमान को नियंत्रित करने की सुविधा नहीं मिलती है और इसकी उम्र भी कम होती है
एक होता लोहे की पाइप से तैयार किया हुआ पोली हाउस। इसमें आपको सभी सुविधाएं मिलती है और इसकी उम्र भी काफी अधिक होती है लेकिन बांस के पोली हाउस की तुलना में इसमें खर्चा अधिक होता है क्योकि इसका पूरा ढांचा लोहे के पाइप से तैयार होता है। और इसमें जो उपकरण लगते है उसका खर्चा भी अधिक होता है
पाली हाउस कैसे तैयार कर सकते है
किसान भाई खुद से पॉलीहाउस को तैयार नहीं कर सकते है इसके लिए उनको किसी कंपनी की मदद की जरूरत होती है मार्किट में बहुत सी कंपनी है जो पोली हाउस को बनाने का काम करती है। इनसे आप अपने बजट के हिसाब से पाली हाउस बनवा सकते है
पाली हाउस के निर्माण में कितना खर्चा आता है।
पाली हाउस पर सब्सिडी कैसे मिलती है
सरकार की तरफ से पॉली हाउस बनाए के लिए सब्सिडी दी जाती है कई राज्यों में 50 प्रतिशत तो किसी राज्य में 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है। इसके साथ ही कई कंपनी पाली हाउस के लिए लोन भी मुहया करवाती है। इसमें किसान को लागत का 25 प्रतिशत देना होता है बाकि का 75 प्रतिशत कंपनी लोन के रूप में देती है जो सब्सिडी मिलने के बाद किसान को लोन के रूप में सिर्फ 25 प्रतिशत राशि ही देनी होती है उत्तराखंड राज्य में सरकार की तरफ से साल 2025 तक 50 हजार पॉली हाउस बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इससे करीब एक लाख लोगो को रोजगार की सुविधा मिलेगी उत्तराखंड राज्य में पॉली हाउस बनाने के लिए सरकार की तरफ से किसानो को 80 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जायेगा। और इसके लिए नाबार्ड की तरफ से 280 करोड़ रु के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसमें 18 हजार क्लस्टर आधारित पॉली हाउस बनाये जायेंगे
उत्तराखंड में पॉली हाउस परियोजना का लक्ष्य
राज्य में सरकार की से किसानो को पॉली हाउस के निर्माण के लिए 80 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जायेगा। इसमें किसान को 20 प्रतिशत की राशि खुद वहन करनी होगी। इस योजना के तहत उत्तराखंड राज्य में 50 हजार पॉली हाउस का निर्माण होगा इसमें 12 हजार पॉली हाउस सब्जियों और फलो के लिए बनाये जायेंगे जिसमे 7 लाख मैट्रिक टन सब्जियों का उत्पादन किया जायेगा और इसमें 6 हजार पॉली हाउस का निर्माण बागवानी के तहत फूलो की खेती के लिए बनाये जाने है जिसमे फूलो के उत्पादन को बढ़ावा दिया जायेगा फ़िलहाल राज्य में पुष्प उत्पादन 30.22 करोड़ हैं जो की पाली हाउस निर्माण के बाद 37 करोड़ तक पहुंच जायेगा
पोली हाउस निर्माण के दौरान इन बातो का रखे खास ध्यान
यदि कोई किसान पॉली हाउस का निर्माण करवाता है तो कुछ बातो का ध्यान रखना जरुरी होता है। इससे उनको काफी फायदा होता है
- जब भी पॉली हाउस का निर्माण करवाया जाता है तब पॉली हाउस में दो दरवाजे होने जरुरी है और दरवाजे हमेशा 90 अंश के कोण पर होने जरुरी है
- पॉली हाउस निर्माण के तीन साल बाद उसमे लगी पॉलीथिन को बदलना जरुरी है।
- पॉली हाउस के अंदर साफ सफाई जरुरी है इससे फल और सब्जियों में रोग लगने के संभावना कम हो जाती है
- पॉली हाउस बनाते समय ये ध्यान रखें की पॉली हाउस की जमीन ऊँचे स्थान पर हो ताकि बारिश का पानी अंदर न आये
- पॉली हाउस पर पॉलीथिन हमेशा सफ़ेद रंग की होनी जरुरी है।
पॉली हाउस में उगाई जाने वाली सब्जिया
पॉली हाउस में सभी प्रकार की सब्जियों का उत्पादन लिया जा सकता है इसमें मूली, पालक, टमाटर, भिंडी, अदरक, धनिया, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, करेला, फूल गोभी, मिर्च और अन्य सब्जिया शामिल है