पशु में होती है फूल (गर्भाशय का बाहर आना) दिखने की समस्या तो ये उपाय अपनाएँ
पशु में ब्यांत के बात कई बार गर्भाशय के बाहर आने की समस्या हो जाती है ये किसी भी पशु में हो सकती है लेकिन इसको नजरअंदाज करना बिलकुल सही नहीं है इसके परिणाम गंभीर हो सकते है यहाँ जानेगे इसके कारण और उपायों के बारे में
कृषि के साथ पशुपालन किसानो के लिए रोजगार है और बहुत से लोग पशुपालन करते है इसमें कई तरह की मुश्किल भी आती है। पशुओ में बीमारियों का प्रकोप भी होता है लेकिन पशुपालक को इनके बारे में जानकारी होना जरुरी है ताकि सही कदम उठा कर पशु की जान बचाई जा सके , पशुपालन में दूध उत्पादन से लोग अच्छा मुनाफा कमाते है लेकिन साथ में पशुओ के देख रेख भी जरुरी है। गाय भैंस में कई बार ब्यांत के बाद गर्भाशय बाहर आ जाता है और ये ब्यांत के चार से पांच दिनों तक हो सकता है। ये आम बात है लेकिन इसको नजरअंदाज करना ठीक नहीं है इससे पशु को काफी हानि हो सकती है आइये जानते है ये पशुओ में क्यों होती है और इसके लिए क्या उपाय किये जा सकते है
पशु में क्यों आता है गर्भाशय बाहर
ब्यांत के चार से पांच घंटे बाद कई पशुओ में गर्भाशय निकल आता है लेकिन इसका समय रहते इलाज होना बहुत ही जरुरी है नहीं तो पशु को नुकसान हो सकते है। फूल दिखने की संभावना पशु में ब्यांत के बाद अधिक होती है। पशु के जोर लगाने पर गर्भाशय के साथ गुद्दा भी बाहर आ जाती है जिससे और अधिक परेशानी बढ़ जाती है और ये तब होता है जब पशु में कैल्सियम की मात्रा कम हो जाती है। और एस्ट्रोजन लेवल अधिक रहता है शरीर में वसा का अत्यधिक जमाव रहता है जब पशु ऐसी स्थिति में मलमूत्र के लिए जोर लगाते है तो गर्भाशय बाहर आ जाता है इसको गाँवों में फूल दिखना भी कहते है इसमें लापरवाही खतरनाक हो जाती है
बचाव
जिन पशुओ में ये समस्या होती है उन पशुओ को दूसरे पशु से दूर साफ जगह पर रखे क्योकि कई बार पशुपालक का ध्यान नहीं रहता है और गर्भाशय निकल आता है तो अन्य पशु उसको नुकसान पंहुचा सकते है
पशु का अगर गर्भाशय निकल आता है तो उसको साफ तोलिये या चादर से ढँक दे ताकि इन्फेक्शन की संभावना न रहे और डॉक्टर से तुरंत सम्पर्क करके दवाई का प्रबंध करे खुद से किसी प्रकार की छेड़खानी न करे इससे पशु के शरीर में इन्फेक्शन होने की संभावना होती है
अगर पशु का गर्भाशय निकल गया है तो उसको ढँक कर डॉक्टर की सलाह से अंदर करने के कोशिश करे खुली हवा लगने से गर्भाशय फूल सकता है
पशुओ को सूखा चारा न खिलाये , इस रोग से बचाव के लिए पशु के आहार में हर रोज 50-70 ग्राम कैल्शियम युक्त खनिज लवण मिश्रण मिलायें, बाहर निकले गर्भाशय में यदि मिटटी लग चुकी है तो उसको ठन्डे पानी से साफ करे और पानी में लाल दवाई का प्रयोग कर सकते है लेकिन पानी में ऐसी दवा का प्रयोग न करे की पशु को गर्भाशय में जलन हो। जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करना जरुरी है उसकी सलाह से गर्भाशय को अंदर करना जरुरी है जितना ज्यादा देर पशु का गर्भाशय बाहर रहेगा उतना ही पशु की जान को खतरा बढ़ सकता है