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गर्मी में भी होगा फसलों का बम्पर उत्पादन, अंतरिक्ष भेजे गए बीज वापस आये

धरती पर विषम होती परसिथतियो की वजह से अब वैज्ञानिको की चिंता बढ़ गई है आगे आने वाले समय में खाद्यान की समस्या नहीं हो इसके लिए वैज्ञानिको ने नए नए प्रयोग शुरू कर दिए है मौसम के हिसाब से फसल को ढालने के लिए अंतरिक्ष में फसल के बीज भेजे गए थे जो अब वापस आ चुके है IAEA और FAO के सयुंक्त मिशन के तहत फसल के बीजो को अंतरिक्ष में भेजा गया था ताकि फसलों में प्राकृतिक तौर पर लचीलापन आ जाये और उत्पादन में बढ़ोतरी हो ताकि लोगो को खाद्यान संकट का सामना न करना पड़े

फ़िलहाल फसले बदलती जलवायु के हिसाब से खुद को ढाल नहीं पा रही है उत्पादन में कमी होती जा रही है तापमान में बढ़ोतरी हो रही है और दुनिया की आबादी काफी तेजी से बढ़ रही है जिसके कारण खाद्यान संकट के लिए पहले से ही वैज्ञानिको ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए IIEA और FAO की तरफ से संयुक्त एफएओ/आईएईए सेंटर ऑफ न्यूक्लियर टेक्निक्स इन फूड एंड एग्रीकल्चर के माध्यम से फसल के बीजो को अंतरिक्ष में भेजा गया था ताकि फसलों में प्राकृतिक अनुकूलन के तेज होने पर ब्रह्माण्ड विकिरण के प्रभाव का पता लग सके

एफएओ/आईएईए के मिशन के तहत 7 नवंबर 2022 को वर्जीनिया में स्थति नासा (NASA) की वॉलॉप्स फ्लाइट की मदद से बीजो को अंतरिक्ष में भेजा गया था इसमें अरबिडोप्सिस और सोरघम बीजों को पांच माह के लिए रखा गया अब ऑस्ट्रिया के सीबर्सडॉर्फ में संयुक्त एफएओ/आईएईए सेंटर ऑफ न्यूक्लियर टेक्निक्स इन फूड एंड एग्रीकल्चर प्रयोगशालाओ में इनकी वापसी की यात्रा शुरू होगी जहा पर इन बीजो की जाँच की जाएगी और उन पर अंतरिक्ष में हुए प्रभाव का विश्लेषण किया जायेगा। इन बीजो का प्रयोगशालाओ में फाइटोसैनिटरी आयात टेस्ट किया जायेगा

Vinod Yadav

विनोद यादव हरियाणा के रहने वाले है और इनको करीब 10 साल का न्यूज़ लेखन का अनुभव है। इन्होने लगभग सभी विषयों को कवर किया है लेकिन खेती और बिज़नेस में इनकी काफी अच्छी पकड़ है। मौजूदा समय में किसान योजना वेबसाइट के लिए अपने अनुभव को शेयर करते है। विनोद यादव से सम्पर्क करने के लिए आप कांटेक्ट वाले पेज का इस्तेमाल कर सकते है।

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