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नरमा की अगेती बुआई के लिए सबसे अच्छी किस्में, इन किस्मों से होगी बम्पर पैदावार

अभी नरमा कपास की बुआई का सीजन आने वाला है तो किसान भाई अपने खेतो में कौन सी वेरिएटी की किस्मे लगा कर अच्छा उद्पदन ले सकते है उन किस्मो की जानकारी निचे दी गई है। सही से जानकारी नहीं होने के कारन किसान भाई कई बार घाटे में रह जाते है। इस आर्टिकल में हम आपको नरमा की अगेती बुआई की के लिए जो अच्छी किस्मे है उनकी जानकारी यहाँ पर आपको दे रहे है। इन वेरिएटी ने पिछले कुछ सालो में अच्छा उत्पादन किसानो को दिया है। और ये किस्मे मौसम के हिसाब से अच्छा उत्पादन देती है। आइये जानते है इन किस्मो के बारे में

नरमा RCH 773 किस्म

नरमा कपास की ये किस्म राशि सीड्स कंपनी की वेरिएटी है और नरमा की इस वेरिएटी में लिफ़ कर्ल का असर कम होता है। इसके साथ ही नर्म में लगने वाले कीड़े (रस चूसने वाले ) के प्रति ये किस्म काफी सहनशील होती है। इसमें कपास के टिंडे का आकर भी काफी बड़ा होता है और ये किस्म मध्यम भारी जमीं के लिए उपयुक्त है। इस किस्म के पोधो की उच्चाई भी काफी अधिक होती है।

नरमा RCH 776 किस्म

RCH 776 की बुआई पिछले साल देश के कई हिस्सों में की गई थी और इसके परिणाम काफी अच्छे मिले है। इस किस्म में टिंडे का आकर काफी अच्छा होता है। इसके साथ ही इन फसलों में किट प्रतिरोधक क्षमता होती है।

श्री राम 6588 किस्म

ये बीटी बायो शीड्स की संकर किस्म है। इस कपास की किस्म में सुंडी और पत्ती सुकड़ने की बीमारी से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता काफी अधिक होती है। इस किस्म का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 28 किवंटल तक रहता है। ये राजस्थान, मध्य प्रदेश राज्य में अधिकतर लगाई जाती है।

राशि 773 किस्म

जो किसान नरमा की अगेती बुआई करना चाहते है उनके लिए ये किस्म सबसे उत्तम है। और ये किस्म काली और जलोढ़ मिटटी के लिए उपयुक्त मानी जाती है। जिस एरिया में अधिक पानी की मात्रा होती है वहा के लिए ये किस्म अधिक उपयुक्त होती है। इस किस्म में रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी अधिक होती है। सुंडी और अन्य रोगो का इस वेरिएटी पर काफी कम असर होता है।

रासी 776 किस्म

ये कपास की किस्म उस क्षेत्रों में बोई जाती है जहा पर पानी की मात्रा कम होती है। इस किस्म को किसान अप्रैल से जून के माह में बुआई कर सकते है। ये कपास की किस्म तैयार होने में 170 दिन का समय लेती है। इस किस्म में रस चूसक रोग कभी नहीं लगता है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी अधिक होती है।

बायर सरपस 7172 BG किस्म

किसान इस किस्म की बुआई अगेती भी कर सकते है और सामान्य समय पर भी कर सकते है। इसके लिए उचित समय अप्रैल महीना है। इसमें बुआई पूर्ण होनी अच्छी होती है। इस किस्म में रस चूषक रोग से लड़ने की अच्छी क्षमता होती है। ये किस्म 160 दिन के लगभग पक कर तैयार हो जाती है। ये कपास की किस्म उन क्षेत्रों में अधिक उपयुक्त है जहा पर अधिक मात्रा में सिचाई के साधन उपलब्ध है।

अंकुर अजय 555 BG किस्म

जिन एरिया में नहरी पानी है। उन क्षेत्रों के लिए ये किस्म काफी उपयुक्त मानी जाती है । इस किस्म का पौधा लम्बाई में काफी अच्छा और टिंडे काफी बड़े होते है। रस चूषक कीड़ो के प्रति ये किस्म सहनशील होती है।

US एग्री शीड

दक्षिण और मध्य भारत में इस किस्म को काफी अधिक मात्रा में बोया जाता है। ये किस्म 160 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। और इसके रेशे की लम्बाई भी काफी अधिक होती है। इसके रेशे की लम्बाई 30 MM तक होती है। और इसके जो टिंडे होते है उनका वजह भी काफी अधिक होता है। एक टिंडे का वजन औसतन 6 ग्राम तक हो जाता है

रासी 650 किस्म

किसान इस वेरिएटी को हर प्रकार की मिटटी में बुआई कर सकते है। इसको पानी की जरुरत कम होती है। और प्रति एकड़ इस किस्म का उत्पादन 12 किवंटल तक जाता है। ये हरियाणा , राजस्थान ,,पंजाब, मध्य प्रदेश राज्यों में इस किस्म को काफी अधिक बोया जाता है। इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी अधिक होती है। इसका तना लम्बा होता है

बलराज किस्म

कपास की ये किस्म सभी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त होती है। और उत्पादन के अंतिम चरण तक ये कपास का पौधा हरा रहता है। सूखता नहीं है। इसकी उत्पादन क्षमता भी काफी अधिक होती है।

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Vinod Yadav

विनोद यादव हरियाणा के रहने वाले है और इनको करीब 10 साल का न्यूज़ लेखन का अनुभव है। इन्होने लगभग सभी विषयों को कवर किया है लेकिन खेती और बिज़नेस में इनकी काफी अच्छी पकड़ है। मौजूदा समय में किसान योजना वेबसाइट के लिए अपने अनुभव को शेयर करते है। विनोद यादव से सम्पर्क करने के लिए आप कांटेक्ट वाले पेज का इस्तेमाल कर सकते है।

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