गेहूं की फसल की कटाई से पहले जान लें ये अहम बातें, वरना हो सकता है भारी नुकसान!
गेहू की फसल तैयार हो चुकी है और आने वाले दिनों में किसान भाइयों को इसकी कटाई का काम शुरू करना है इसलिए अभी से ही आपको कुछ बातों पर ध्यान देना होगा ताकि आपको नुकसान ना होने पाये। आइये जानते है की गेहूं की कटाई से पहले और कटाई के बाद में आपको कौन कौन सी जरुरी बातों को ध्यान में रखना है।

किसान भाई अपनी फसल को उगाने में बहुत अधिक मेहनत करते है तो उसकी मेहनत का ही नतीजा होता है की उनको अधिक पैदावार मिलती है लेकिन कई बार कटाई के समय में किसान छोटी छोटी गलतियां कर देते है जिसकी वजह से उनको कई बार भरी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस समय पुरे देश में गेहूं की फसल तैयार हो चुकी है और आने वाले कुछ ही दिन में किसान भाई उसकी कटाई का काम भी शुरू करने वाले है। खेत में गेहूं की कटाई शुरू करने और कटाई के बाद में किसानों की कुछ बातों पर ध्यान देना बहुत ही जरुरी है नहीं तो उनको काफी अधिक नुकसान हो सकता है।
मार्च का महीना जैसे ही आता है तो देश के कई इलाकों में गेहूं की फसल की कटाई शुरू हो जाती है। उत्तर भारत में इस समय सरसों की कटाई का काम चल रहा है और ठीक इसके बाद में किसान भाई गेहूं की फसल को कटाने का काम शुरू करने वाले है। आपको सही तरीके से गेहूं की कटाई करनी है ताकि फसल की पैदावार और उसकी गुणवत्ता पर किसी भी प्रकार का असर ना हो। अगर गेहूं के दानों की गुणवत्ता ख़राब हो जाती है तो किसान भाइयों को काफी अधिक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
कटाई से पहले कभी भी सिंचाई न करें
कटाई के समय से करीब 15 से 20 दिन पहले ही किसानों को गेहूं की सिंचाई का काम बंद कर देना चाहिए। इसके कई नुकसान हो सकते है। कटाई से तुरंत पहले अगर सिंचाई का काम आपने पूरा किया है तो गेहूं के दानों में नमी की मात्रा काफी अधिक हो जाती है जिससे आपको गेहूं के भण्डारण में समस्या हो सकती है। इसलिए 15 से 20 दिन पहले ही सिंचाई का काम बंद कर देना चाहिए। कटाई से पहले की गई सिंचाई के चलते कई बार गेहूं की फसल गिर जाती है और उसके गिरने के बाद में आपको कटाई करने में भी काफी परेशानी हो जाती है। इसके अलावा गेहूं की फसल के गिरने के बाद में उसके निचले हिस्से में अगर कच्चे गेहूं के पौधे है तो उनमे पकाव नहीं आएगा क्योंकि धुप वहां तक नहीं पहुंचती है।
कटाई से पहले दानों में नमी की जांच करनी चाहिए
कई बार ये देखा गया है की अगर किसान को लगता है की मौसम में बदलाव होने वाले है या फिर उनको आगे चलकर कोई कार्य पुरे करने है तो जल्दबाजी में किसान गेहूं की कटाई कर देते है लेकिन ये नहीं देखते की दानों में पकाव पूरी तरह से आया है की नहीं। इसलिए जब भी गेहूं की फसल की कटाई करते है तो आपको सबसे पहले गेहूं के दानों की जांच करनी है की वो पाक गए है की नहीं और वे सुख चुके है की नहीं। कई बार किसान नमी रहने के दौरान ही कटाई का काम शुरू कर देते है जिससे आगे चलकर दाने जब सूखते है तो पिचक जाते है। इसलिए गेहूं की कटाई से पहले दानों की जांच जरूर करें और उसके बाद में ही उसकी कटाई का काम शुरू करें।
कटाई के तुरंत बाद थ्रेसिंग नहीं करनी चाहिए
किसान भाइयों को ये भी ध्यान रखना होगा की कभी भी फसल की कटाई के तुरंत बाद में उसकी थ्रेसिंग नहीं करनी है क्योंकि ऐसा करने से गेहूं की गुणवत्ता पर काफी अधिक असर पड़ता है। जब आपने गेहूं की कटाई की है तो कुछ गेहूं के पौधों में केवल पकाव आया होता है लेकिन उनके दानों को अभी और नमी की जरुरत होती है ताकि वे अच्छे से पक सके। गेहूं की कटाई के कुछ दिन तक अगर आप उनको सूखने के लिए छोड़ देते है तो गेहूं के दाने पौधे के जरिये पूरा विकास कर लेते है और पक कर अच्छे से सुख जाते है। इसके बाद में थ्रेसिंग करने पर भी दाने में को प्रभाव नहीं पड़ता है। अगर आप कटाई के तुरंत बाद में थ्रेसिंग का काम करते है तो आपको गेहूं की क्वालिटी में कैफ ख़राब असर देखने को मिल सकता है और ये आर्थिक नुकसान का कारण भी बन सकता है।
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि दे बचाव करना जरुरी
किसान भाइयों आप जब भी गेहूं की तातै करते है तो उसको बेमौसम होने वाली बारिश और ओलावृष्टि से बचाना भी जरुरी है नहीं तो खेत में ही गेहूं की कटी हुई फसल सड़ने लगेगी। इसलिए आपको गेहूं की कटाई के बाद में उनको सभी जगह पर लगाना भी जरुरी है ताकि उसको अच्छे से सूखने का समय मिल सके और बारिश आदि से भी उसका बचाव किया जा सके। आपको कटाई से पहले ही खेत में एक सही जगह का चुनाव करना होगा जहाँ पर आपको अपनी फसल की कटाई के बाद में उसको एकत्रित करना है। आम बोलचाल की भाषा में अगर बात करें तो आपको सही जगह पर खाते का निर्माण करना होगा। ये जगह ऐसी होनी चाहिए जहाँ पर पानी का भराव नहीं होना चाहिए। अगर आपकी फसल भीग जाती है तो आपको बारिश खत्म होने के बाद में उसको खोलना होगा ताकि उसको सूखने का समय मिल सके नहीं तो गेहूं के दाने बालियों के अंदर ही फिर से अंकुरित होने लग जायेगा और आपको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
किसान भाइयों सभी ने मेहनत के साथ में गेहूं की फसल को उगाया है और अब कटाई का समय आ चूका है इसलिए थोड़े से दी आपको कुछ सावधानियों के हिसाब से काम करना है ताकि कोई भी नुकसान ना होने पाये। इसलिए ऊपर दी गई सभी बातों पर आपको गौर करना है और उसी के अनुसार आपको कार्य करना है। उम्मीद है आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी काफी पसंद आई होगी और आपके काम भी आएगी। आप हमें अपनी राय हमें कमेंट के जरिये बता सकते है।