गेहूं की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर! MSP पर गेहूं खरीद की तारीख बदली, जानें नई तिथि और कारण

सरकार की तरफ से किसानों के लिए एक बहुत बड़ा फैसला लिया गया है जिसमे कहा गया है की अब सरकार की तरफ से गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 15 मार्च के बाद में ख़रीदा जायेगा। सरकार के इस फैसले के बाद में अब किसानों को अपनी फसल को बाजार में बेचने के लिए और अधिक समय मिल गया है और वे फसल के पूरी तरह से पकने के बाद में कटाई कर सकते है।

Mar 2, 2025 - 12:02
गेहूं की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर! MSP पर गेहूं खरीद की तारीख बदली, जानें नई तिथि और कारण
Date of wheat purchase on MSP changed

किसानों के लिए गेहूं की MSP पर बिक्री को लेकर एक अहम खबर आई है। यदि आप भी अपना गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेचने की योजना बना रहे हैं तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है। सरकार ने गेहूं की खरीदारी की तारीख में बदलाव कर दिया है जिससे किसानों को राहत मिली है। आइए जानते हैं कि नई तारीख क्या है, इसका कारण क्या है, और इससे किसानों को क्या फायदा होगा।

MSP पर गेहूं खरीद की तारीख में बदलाव, अब कब से होगी बिक्री?

पहले 1 मार्च से MSP पर गेहूं की खरीदारी शुरू होने वाली थी लेकिन अब सरकार ने इस तिथि को आगे बढ़ा दिया है। मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नई तारीखें घोषित की हैं। इंदौर, भोपाल, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग में गेहूं की खरीद 15 मार्च से शुरू होगी और अन्य संभागों में यह प्रक्रिया 17 मार्च से आरंभ होगी। इस बदलाव से किसानों को 15 दिन का अतिरिक्त समय मिल गया है जिससे वे आराम से अपनी फसल की कटाई कर सकते हैं और बेहतर गुणवत्ता वाला गेहूं सरकार को बेच सकते हैं।

MSP पर कितना मिलेगा गेहूं का दाम?

इस साल किसानों को ₹2600 प्रति क्विंटल गेहूं का समर्थन मूल्य मिलेगा। इसका कारण यह है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने MSP के अलावा ₹175 प्रति क्विंटल का बोनस देने की घोषणा की है। यह किसानों के लिए एक अच्छी खबर है क्योंकि इससे उन्हें अपनी मेहनत का बेहतर मूल्य मिलेगा।

क्यों बदली गई गेहूं खरीद की तारीख?

किसानों के मन में यह सवाल आ सकता है कि गेहूं की खरीदारी की तिथि में बदलाव क्यों किया गया। इसके पीछे कई कारण हैं जिसमे सबसे बड़ा कारण है की अभी फसल तैयार ही नहीं हुई है। कई इलाकों में किसानों की गेहूं की फसल अभी पूरी तरह से नहीं पकी है। अगर जबरदस्ती जल्दी कटाई की जाती तो गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित होती। कई जगहों पर अभी गेहूं में नमी बनी हुई है। ऐसे में जल्दी कटाई करने से फसल खराब हो सकती थी और किसानों को सही कीमत नहीं मिल पाती।

कुछ किसानों ने यह सोचकर पहले ही गेहूं की कटाई कर दी थी कि 1 मार्च से इसकी खरीद शुरू हो जाएगी। लेकिन सरकार ने फैसला किया कि सभी किसानों को पर्याप्त समय मिले ताकि उनकी फसल अच्छे से कट सके और उनकी उपज का उचित दाम मिले। सरकार चाहती है कि किसान बिना किसी जल्दबाजी के अपनी फसल काटें, सुखाएं और फिर बेचें ताकि गेहूं की गुणवत्ता बेहतर हो। अच्छे गुणवत्ता वाले गेहूं से किसानों को अच्छी कीमत मिलेगी और बाजार में भी इसकी मांग बनी रहेगी।

किसानों को क्या फायदा होगा?

सरकार के इस फैसले से किसानों को अब अतिरिक्त 15 दिन का समय मिल गया है जिससे अब किसान अपनी फसल को सही समय पर काट सकते हैं और बेहतर गुणवत्ता वाला गेहूं तैयार कर सकते हैं। अच्छा समर्थन मूल्य किसानों को मिलेगा और अब किसानों को ₹2600 प्रति क्विंटल की दर से मिलने वाले मूल्य से किसानों को अधिक लाभ मिलेगा। सरकार के इस फैसले के बाद अब किसान भाइयों को अपनी फसल को जल्दी नहीं काटना पड़ेगा और आराम से सही पकाव आने के बाद में फसल की कटाई कर सकते है। इसके अलावा खरीद केंद्रों पर अधिक भीड़ नहीं होगी और आराम से किसान भाई अपनी फसल को बेच सकते है। 

गेहूं की खरीद की तारीख में बदलाव प्रदेश के सभी किसान भाइयों के लिए एक राहत की खबर है। इस बदलाव से किसानों को अपनी फसल को अच्छे से तैयार करने का समय मिलेगा जिससे उन्हें उचित दाम मिल सकेगा। सरकार का यह फैसला गेहूं की गुणवत्ता और किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने की दिशा में एक अच्छा कदम है। इसलिए किसान भाइयों अब बिना किसी जल्दबाजी के अपनी फसल को सही समय पर काटें, सुखाएं और 15 या 17 मार्च से अपने नजदीकी खरीद केंद्र पर MSP पर बेचें। 

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