गर्मी में कमाई का बेहतरीन मौका: गेहूं की कटाई के बाद करें इसकी खेती, कमाएं अच्छा मुनाफा
किसान भाइयों के खेत गर्मियों के मौसम में खाली पड़े रहते है इसलिए आप इस समय का उपयोग कर सकते है और केवल 2 महीने के समय में ही एक हेक्टेयर से आसानी से 50 हजार तक की कमाई कर सकते है। इसके लिए आपको जिस फसल की बुवाई अपने खेत में करनी है उसकी पूरी जानकारी आज हमने यहां पर दी है।

गर्मी के मौसम में अधिकतर किसान भाइयों के खेत खाली ही रहते है क्योंकि उनके समझ में ही नहीं आता की कौन सी फसल की बुवाई की जाए जिससे कमाई हो सके। जब जब गर्मी का मौसम आता है तो किसानों के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा होता है की अब क्या बोया जाए? सभी जगह पर गेहूं की कटाई होने के बाद में खेत खाली हो जाते है और इसके बाद में किसान सीधे बारिश के मौसम में ही उसमे कुछ बुवाई करता है।
समय अब काफी बदल चूका है और बहुत से किसान ये गर्मियों के दिन वाला समय भी अब इस्तेमाल करने के लिए आतुर रहते है तो तलाश करते रहते है की कौन सी फसल इसमें बोई जाए जिससे अधिक मुनाफा कमाया जा सके। अगर आप भी ऐसा ही सोच रहे है तो आज के आर्टिकल में किसान भाइयों हम आपको एक बेहतरीन फसल के बारे में जानकारी देने जा रहे है तो गेहूं की कटाई के बाद में आप अपने खेतों में लगा सकते है। ये फसल काफी जल्दी भी तैयार होती है और अधिक मुनाफे के साथ साथ में आपके खेत की उर्वरक छमता को भी बढाती है। आइये जानते है इसके बारे में।
मूंग की खेती क्यों है फायदेमंद?
सभी किसान भाई अपने खाली खेत में गर्मियों के मौसम में मुंग की फसल ले सकते है क्योंकि ये बहुत जल्दी तैयार होने वाली फसल होती है। इसको तैयार होने में लगभग 60 से 70 दिन का समय लगता है। यानि बारिश का मौसम आने से पहले ही इसकी कटाई की जा सकती है। अगर आप अप्रैल महीने में इसकी बुवाई करते है तो जून की शुरुआत में इसकी पैदावार आपको मिल जाएगी।
मुंग की फसल आपके खेत की मिट्टी की उर्वरता को भी बढाती है क्योंकि मुंग की जड़ों में नाइट्रोजन फिक्सिंग बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो की मिट्टी के लिए बहुत जरुरी होते है और ये खेत की मिट्टी की उर्वरक छमता को काफी अधिक बढ़ा देते है। इसके अलावा मुंग की खेती में काफी कम पानी की जरुरत होती है इसलिए आपको अधिक सिंचाई भी नहीं करनी पड़ती। बाजार में डिमांड की अगर बात करें तो इसकी काफी अधिक डिमांड रहती है और भाव का काफी अच्छा आपको मिलने वाला है।
कैसे करें मूंग की खेती?
मुंग की खेती अगर आप अपने खाली खेत में करने का विचार कर रहे है तो आपको बता दें की इसकी बुवाई का सबसे सही समय मार्च के आखिर में या फिर अप्रैल महीना होता है। आपको मुंग की खेती करने के लिए के हेक्टेयर में लगभग 25 से 30 किलोग्राम बीजों की जरुरी पड़ने वाली है। अगर आप मुंग की खेती करके अच्छी पैदावार लेना चाहते है तो आपको इसकी उन्नत किस्म की बुवाई करनी होगी।
किसान भाइयों मुंग की पूसा विशाल, पूसा 9531, या टीएम-98-50 बहुत ही उन्नत किस्म है जो आपको कम समय में अधिक पैदावार देती है इसलिए इनमे से किसी भी किस्म का चुनाव करके आप मुंग की खेती अगर करते है तो आपको काफी अधिक मुनाफा होने वाला है। इसके अलावा बुवाई से पहले आपको बीजों का उपचार भी करना होगा। राइजोबियम बैक्टीरिया और ट्राइकोडर्मा फफूंदनाशक के जरिये अगर आप बुवाई से पहले ही बीजों का उपचार करते है तो बीजों का अंकुरण काफी अच्छा होता है तो आगे चलकर फसल में रोगों का प्रकोप का खतरा भी काफी कम हो जाता है।
खेत की तैयारी और बुवाई की तकनीक
आज भी बहुत से इससे किसान है जो पारम्परिक तरीके से ही खेती करना पसंद करते है और इसमें आपको अधिक मेहनत करने की जरुरत नहीं होती है। आपको खेत की जुताई करके उसको समतल कर देना है ताकि नमी की मात्रा बनी रहे। यही आप आज के समय की आधुनिक खेती के जरिये मुंग की बुवाई करना चाहते है तो आपको जीरो ड्रिल्स या हैप्पी सीडर तकनीक का इस्तेमाल करना होगा। इन तकनीकों के जरिये खेत में आप बिना जुताई के भी मुंग की बुवाई कर सकते है। इससे आपके समय की भी काफी बचत होती है तो फसल में उत्पादन छमता में भी काफी बढ़ौतरी होती है।
उर्वरक और सिंचाई प्रबंधन
आपको मुंग की खेती से अगर अच्छी पैदावार लेनी है तो इसके लिए खेत में उर्वरक का प्रबंधन भी करना बहुत जरुरी होता है। इसके लिए आपको प्रति हेक्टेयर में 20 किलो नाइट्रोजन, 40 किलो फास्फोरस, और 20 किलो पोटाश दे सकते है जिससे पैदावार में काफी बढ़ौतरी होती है। इसके आलावा रही बात सिंचाई की तो किसान भाइयों गर्मी का मौसम होता है इसलिए आपको सिंचाई भी करनी बहतु जरुरी है।
मुंग की फसल में आपको 10 से 15 दिन के अंतर पर सिंचाई करनी होगी क्योंकि गर्मी के चलते खेत की नमी जल्द चली जाती है। आपको इसकी फसल में लगभग 5 सिंचाई करनी पड़ती है। जिस समय पर फूल आते है उस समय पर आपको अच्छे से सिंचाई करनी जरुरी होती है क्योंकि इसके तुरंत बाद में फलियों के बनने का समय होता है और अच्छी सिंचाई इस समय आप करते है तो फलियों का आकार बढ़ जाता है।
रोग और कीट नियंत्रण
कीटों का प्रकोप और रोगों का खतरा किसान भाइयों को हमेशा से ही हर फसल में परेशानी का कारण बनता है। मुंग की खेती में भी किसानों को पाउडरी मिल्ड्यू, झुलसा रोग, सफेद मक्खी और पत्ती खाने वाले कीटों का खतरा रहता है इसलिए इनकी रोकथाम के लिए आपको कुछ उपाय करने होंगे। खेत में अधिक पानी ना दें जिससे अधिक नमी ना रहने पाये और साथ में जिन भी पौधों पर इसका प्रकोप नजर आता है उन पौधों को उखाड़ कर खेत से बाहर कर दें।
खेत में आपको सफेद मक्खी और थ्रिप्स के प्रकोप से छुटकारा पाने के लिए नीम तेल (5%) या फिर इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL का घोल बनाकर छिड़काव करना होगा। इसके अलावा पत्ती लपेटने वाले कीटों से फसल को बचाने के लिए आपको ट्राइकोग्राम्मा कार्ड का छिड़काव करना होगा ताकि ये रोग आपकी फसल को बर्बाद ना करें।
सही समय पर कटाई और भंडारण
मुंग की खेती को सही समय पर कटाई करना भी जरुरी होता है। इसकी कटाई किसान भाइयों को तब करनी चाहिए जब मूंग की फलियां हल्के काले या भूरे रंग की होने लगें क्योंकि इस समय इनकी तुड़ाई करना सही रहता है। इसके अलावा आपको इस बात पर भी ध्यान देना होगा की कटाई हमेशा सुबह के समय या फिर शाम के समय में करनी चाहिए क्योंकि उस समय में नमी की मात्रा रहती है। दोपहर में अगर आप कटाई का काम करते है तो इससे मुंग की फलियों के टूटने का खतरा रहता है। इसके अलावा कटाई के बाद में आपको मुंग की सुखाकर के भण्डारण का काम करना है ताकि अधिक समय तक उसको सही से रखा जा सके।
मूंग की खेती से कितनी होगी कमाई?
मुंग की खेती में कमाई कितनी होगी ये बाजार के भाव पर निर्भर करता है लेकिन आपको एक हेक्टेयर से लगभग 10 से लेकर 12 क्विंटल तक पैदावार आसानी से मिल जाती है। अगर बाजार में इसका भाव 7000 रूपए प्रति क़्वींटल भी है तो आपको आसानी से 70 से 80 हजार रूपए की कमाई होती है और अगर इसमें से आप लागत को निकल देते है तो भी आपको 50 हजार तक का मुनाफा आसानी से हो सकता है। दो महीने में ही ये फसल तैयार हो जाती है तो एक हेक्टेयर से आप 2 महीने में 50 हजार की कमाई कर सकते है। अगर यह जानकारी आपको पसंद आई हो तो इसे अन्य किसानों के साथ जरूर साझा करें और कमेंट में हमें बताएं की आप्कोये जानकारी कैसे लगी।