Fasal Jankari

तरबूज की खेती से कमाए अच्छा मुनाफा, तरबूज की उन्नत किस्में, तरबूज की खेती कैसे करे

गरमियों के सीजन में किसान तरबूज की फसल करके अच्छा मुनाफा कमा सकते है। तरबूज की बुआई का समय एक जनवरी से 31 मार्च के बीच का होता है। भारत में तरबूत की खेती मुख्य रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, कर्णाटक , हरियाणा और पंजाब राज्यों में होती है। तरबूत की खेती के लिए कौन सी उन्नत किस्मे है जिनसे आप अच्छा उत्पादन ले सकते है और इसके लिए क्या तैयारी करनी होती है इसकी पूर्ण जानकारी इस पोस्ट में दी गई है

तरबूज की फसल किसानो के लिए एक नकदी फसल है। इससे किसान तीन से चार महीने के दौरान अच्छे पैसे कमा सकते है। गर्मियों के मौसम में तरबूज की काफी मांग होती है। और इसके रेट भी अच्छे मिल जाते है। शहरो में तरबूत की काफी मांग होती है। तरबूत की खेती किसानो के लिए आय का अच्छा स्रोत है

तरबूज के लिए खेत की तैयारी

तरबूज की फसल उगाने के लिए बलुई दोमट मिट्टी जिसका PH 6 से 7 के बीच हो अच्छी मानी जाती है। तरबूज की फसल की बुआई से 20 दिन पहले ही खेत की अच्छे से जुताई होनी जरुरी है इससे खेत में जो खरपतवार होती है वो खत्म हो जाती है। खेत में अंतिम जुताई के बाद कवक को नियंत्रित करने के लिए 1 एकड़ खेत में 2.5 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा के साथ 100 क्विंटल अच्छी तरह से गली हुए गोबर की खाद का का मिश्रण बना कर डाले ताकि तरबूत की फसल में कवक का असर न हो और फल अच्छे से आये। इसके बाद खेत में तरबूज के बीज आप लगा सकते है।

तरबूज की उन्नत किस्मे

पूसा वेदना किस्म

तरबूज की इस किस्म का विकास कृषि विज्ञानं केंद्र नई दिल्ली के द्वारा किया गया है। इस किस्म को तैयार होने में 90 दिन का समय लगता है इस किस्म में तरबूज में बीज नहीं होते है और इसके फल काफी मीठे और गुद्देदार होते है फलो के अंदर का रंग गुलाबी होता है

श्री राम नवाव किस्म

इस किस्म के फल का वजन काफी अधिक होता है। इसमें एक तरबूज का वजन करीब 10 किलो तक हो जाता है। इसके फलो पर धारीदार हल्की पट्टी होती है ये लम्बे परिवहन के लिए उपयुक्त है। इसको तैयार होने में 90 से 100 दिन का समय लगता है

दुर्गापुर मीठा किस्म

तरबूज की इस किस्म को पकने में करीब 120 से 125 दिन का समय लगता है। प्रति हेक्टेयर इसका उत्पादन 500 किवंटल तक हो सकता है। इस तरबूज की किस्म के फल गोल हल्के एवं हरे रंग के होते हैं। फल का औसत वजन 7 से 8 किलोग्राम होता है

ड्रैगन किंग किस्म

इस तरबूज की किस्म के लिए 1 एकड़ फसल तैयार करने के लिए 600 से 700 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। यह धारीदार हलके हरे रंग की किस्म है 90 से 95 दिन में इस किस्म में फल पकने लगते है।

शुगर बेबी किस्म

तरबूज की शुगर बेबी किस्म को बोने के बाद 95 से 100 दिन के अंदर इसकी फसल तैयार हो जाती है इसकी उत्पादन क्षमता प्रति हेक्टेयर 200 से 250 क्विंटल तक होती है इसके फल में बीज बहुत कम होते है तरबूज का वजन 4-6 किलोग्राम के बीच होता है

आशायी यामातो जापानी किस्म

ये जापानी किस्म है प्रति हेक्टेयर इसका उत्पादन 225 क्विंटल तक रहता है एक तरबूज का वजन 8 किलो ग्राम तक होता है। इसका छिलका हरा और मामूली धारीदार व बीज छोटे होते है

अर्का ज्योति किस्म

भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बंगलौर द्वारा इस किस्म को विकसित किया गया है
तरबूज की इस किस्म का प्रति हेक्टेयर उत्पादन 350 क्विंटल तक रहता है तरबूज का वजन का वजन 6-8 किलो तक होता है

बीज उपचार

जो किसान हाइब्रिड बीज खरीदते है तो उनको बीज को उपचारित करने की जरुरत नहीं है हाइब्रिड बीज पहले से ही उपचारित आते है। लेकिन जो किसान घर पर तैयार बीज की बुआई करना चाहते है उसके लिए कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम + थिरम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित कर सकते है

तरबूज की बुआई का तरीका

किसान तरबूज (watermelon farmers) की फसल बुवाई के समय पौधे से पौधे की दूरी कम से कम 60 सेमी और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 150 से 180 सेमी रखे।

तरबूज की खेती के लिए खाद प्रबंधन

  • तरबूज की अच्छी पैदावार लेने के लिए किसान (watermelon farming) 1 एकड़ खेत में 20 किलोग्राम यूरिया , 100 किलोग्राम SSP और 25 किलोग्राम पोटाश 10 किलोग्राम जायम, 8 किलोग्राम कार्बोफुरोन का इस्तेमाल करे।
  • तरबूज की बुआई से 10 से 15 दिन बाद – फसल उगने के 10-15 दिन बाद 5 ग्राम npk ( 19:19:19 ) और 2 मिली टाटा बहार प्रति लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करे।
  • तरबूज की बुवाई के 35 से 40 दिन बाद – फसल में अच्छी बढ़वार ग्रोथ के लिए 20 किलोग्राम यूरिया के साथ 5 किलोग्राम जायम का इस्तेमाल 1 एकड़ खेत में करे।
  • तरबूज की बुवाई के 50 से 55 दिन बाद – फसल बुवाई के 50 से 55 दिन बाद 10 ग्राम npk 13:00:45 और 2 मिली हैकसाकोनाज़ोल 1 लीटर पानी के हिसाब से फलों के अच्छे विकास और सफेद रोग से बचाने के लिए स्प्रे करें।
  • तरबूज की बुवाई के 60 से 70 दिन बाद – तरबूज की फसल में फल के अच्छे आकार के लिए और मिठास और रंग के लिए 1.5 किलोग्राम npk 0:0:50 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करे।

तरबूज की सिंचाई

तरबूज की फसल में बुआई के बाद लगभग पांच दिन बाद सिंचाई कर सकते है इससे बीज अंकुरण क्षमता बढ़ जाती है। फसल के बढ़ जाने के बाद प्रति 8 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करे। फसल में फूल आने के पहले, फूल आने के समय और फल की वृद्धि के समय भूमि में नमी कम नहीं होनी चाहिए। फल पकने के समय सिंचाई ना करें, इससे फल की गुणवत्ता के साथ फल फटने की समस्या भी नहीं आती हैं।

Vinod Yadav

विनोद यादव हरियाणा के रहने वाले है और इनको करीब 10 साल का न्यूज़ लेखन का अनुभव है। इन्होने लगभग सभी विषयों को कवर किया है लेकिन खेती और बिज़नेस में इनकी काफी अच्छी पकड़ है। मौजूदा समय में किसान योजना वेबसाइट के लिए अपने अनुभव को शेयर करते है। विनोद यादव से सम्पर्क करने के लिए आप कांटेक्ट वाले पेज का इस्तेमाल कर सकते है।

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