Terrace Farming: छत पर टमाटर घीया तौरी की खेती कैसे करे – छत पर खेती करने का तरीका
छत पर सब्जियों की पैदावार करके आप अपने घर की जरूरतों को तो पूरी कर ही सकते हो साथ में अगर जगह ज्यादा है तो आप इसे मार्किट में सप्लाई करके अपनी आमदनी का भी एक जरिया बना सकते है। चलिए जानते है की घर की छत पर सब्जियों को कैसे उगाये।
Terrace Farming: : बहुत से घरों में छत पर काफी सारी खाली जगह होती है और अक्सर देखा होगा की उसका कोई खास इस्तेमाल भी नहीं होता। ऐसे में अगर आप चाहते है की उस खाली छत का बखूबी इस्तेमाल किया जाये तो आपके लिए इस आर्टिकल में बहुत कुछ है।
यहां हम आपको बतायेंगे की अपने घर की छत पर सब्जियों (Ghar Ki Chhat Par Kheti) को कैसे उगा सकते है। ये आर्टिकल शहरों में रहने वाले लोगों के लिए बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि उनके पास खुली जगह के नाम पर सिर्फ छत ही होती है। इसलिए वे सभी अपनी छत का इस्तेमाल सब्जियों को उगाने में कर सकते है।
छत पर सब्जियों की पैदावार करके आप अपने घर की जरूरतों को तो पूरी कर ही सकते हो साथ में अगर जगह ज्यादा है तो आप इसे मार्किट में सप्लाई करके अपनी आमदनी का भी एक जरिया बना सकते है। चलिए जानते है की घर की छत पर सब्जियों को कैसे उगाये।
घर की छत पर खेती करने का तरीका? – How to do farming on the roof of the house?
Terrace Farming: घर की छत पर खेती करने के नाम पर ही अक्सर लोगों के दिमाग में एक बात आती है की छत पर मिटटी डालनी होगी और उससे दिक्कत आ सकती है। लेकिन ऐसा नहीं है। हम दो तरीकों से घर की छत पर खेती कर सकते हैं। जिसमे एक अपना देशी तरीका यानि की छत पर मिटटी बिछा कर खेती करने का है और दूसरा हाइड्रोपॉनिक्स तकनीक के द्वारा खेती करने वाला है। हाइड्रोपॉनिक्स तकनीक में मिटटी की जरुरत नहीं होती और इसमें रिस्क बिलकुल भी नहीं होता। जबकि देशी तरीके से खेती करने में सीलन आने का ख़तरा रहता है।
घर की छत पर खेती करने के लिए हाइड्रोपॉनिक्स तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। हाइड्रोपॉनिक्स तकनीक से उगाई गई सब्जियों में अधिक पोषक तत्व पाए जाते है और सेहत के लिए भी बहुत अच्छी मानी जाती है।
इसके अलावा आप घर की छत पर देशी तरीके से भी खेती कर सकते हैं। इसके लिए आप कबाड़ में पड़ी टंकिया, बाल्टी, डब्बे आदि का सहारा लेकर उनके अंदर खेती कर सकते है। इस देशी तरीके में आपको मिटटी की जरुरत पड़ेगी। वैसे तो देशी तरीके से घर की छत पर खेती करना सबसे आसान तरीका माना जाता है। इसमें आपको जैविक खादों की जरुरत पड़ेगी।
लेकिन देशी तरीके से छत पर खेती करने में एक नुक्सान है। अगर जरा सी भी चूक हो जाती है तो छत में से सीलन आने का डर हमेशा बना रहता है। इसके लिए बहुत से लोग पूरी छत पर प्लास्टिक बिछा कर खेती करते है। प्लास्टिक बिछाने के बाद पूरी छत पर मिटटी डालकर उसमे क्यारियों का निर्माण किया जाता है। लेकिन सीलन आने का डर फिर भी रहता है। तो इस देशी तरीके की खेती रहती तो अच्छी है लेकिन बस इसमें ये एक माइनस पॉइंट है।
हाइड्रोपॉनिक्स तकनीक क्या होती है? – What is hydroponics technology?
हाइड्रोपॉनिक्स का मतलब होता है की बिना मिटटी और बिना खाद के खेती करना। इस तकनीक का इस्तेमाल करके उर्वरक पानी के जरिये सीधे पौधों तक पहुंचाए जाते है। इसकी वजह से उर्वरकों की भी बचत होती है। शहरी क्षेत्रों में तो इस समय हाइड्रोपॉनिक्स तकनीक बहुत ज्यादा इस्तेमाल में लाइ जा रही है और हजारों लोग इसके जरिये खेती करके कमाई भी कर रहे है।
हाइड्रोपॉनिक्स तकनीक से आप सब्जियों की खेती, फूलों की खेती, फलों जैसे स्ट्राबरी, अंगूर, जामुन, तरबूज और गेहूं आदि की भी फसल ले सकते हो। इस तकनीक में ढांचों को आप खाली दीवारों पर भी सैट कर सकते हो। हाइड्रोपॉनिक्स तकनीक में ज्यादा जोखिमम नहीं होता और साथ में इसमें खरपतवार, कीड़ों आदि के लगने की भी सम्भावना ना के बराबर होती है।
छत पर कौन कौन सी सब्जियां उगाई जा सकती है? – Which vegetables can be grown on the terrace?
एल्गर आप अपने घर, ऑफिस या दिकण की छत पर सब्जियों या फलों की खेती करना चाहते है तो आपको बता दें की अलग लग मौसम के आधार पर आपको फसलों का चुनवा करना होगा।
घर की छत पर रबी की फसलें – Rabi crops on the roof of the house
घर की छत पर रबी के सीजन में आप मूली, टमाटर, गाजर, शलजम, फूल गोभी, प्याज, मेथी, लहसुन और बैंगन आदि की खेती कर सकते है। आमतौर पर घर की छत पर रबी के सीजन की सब्जियां सितम्बर के महीने में बोई जाती है।
घर की छत पर खरीफ की फसलें – Kharif crops on the roof of the house
घर की छत पर आप खरीफ के सीजन में यानि की जुलाई के महीने में तोरई, अरबी, लौकी, शकरकंदी, मिर्ची, भिंडी और करेला आदि की सब्जियों की बुवाई कर सकते है। खरीफ के मौसम में हाइड्रोपॉनिक्स तकनीक से सब्जियों की पैदावार बहुत अच्छी होती है और साथ में पौष्टिकता भी अधिक पाई जाती है।
घर की छत पर जायद की फसलें – Zayed’s crops on the roof of the house
जायद की फसलें यानि की फरवरी के महीने में बोई जाने वाले सब्जियां और फसलें। आप अपने घर की छत पर जायद के मौसम में खीरा, ककड़ी, घीया, भिंडी, टमाटर, करेला, तोरई और तरबूज आदि की खेती कर सकते है।
घर की छत पर खेती करते समय ध्यान रखें वाली बातें – Things to keep in mind while doing farming on the roof of the house
अगर आप अपने घर की छत पर खेती करने जा रहे है तो आपको कुछ बातों का विशेष रूप से ख्याल रखना होगा। ये बातें आपको घर की छत पर सब्जियों और फलों की खेती करने में बहुत काम आने वाली है।
सबसे पहले तो आपको ये ध्यान रखें है की घर की छत के जिस भी हिस्से में आप खेती करने जा रहे है उस हिस्से में सूरज की रोशनी आणि बहुत जरुरी है। अगर छत के उस हिस्से में धूप नहीं आएगी तो आपकी खेती सही से नहीं हो पायेगी और जो पैदावार होनी चाहिए वो आपको नहीं मिलेगी।
घर के कचरे को खाद के रूप में इस्तेमाल करें। इसके लिए आप अलग से एक बड़ी सी ट्रे में मिटटी डालकर उसमे कचरे को एकत्रित करते रहे ताकि कुछ समय बाद जब वो खाद का रूप ले लेगा तो उसको पौधों में डाल सकते हैं।
अगर आपकी छत पर ऊँची दिवार है तो कभी भी फल वाले पौधे पश्चिम दिशा में नहीं लगाने चाहिए। एक तो दिवार की छाया हमेशा उन पर रहेगी और दूसरा उन पौधों की छाया दूसरे पौधों को भी प्रभावित करेगी।
छत पर सब्जियों और फलों की खेती के लिए पूरी छत पर तारबंदी जरूर करें ताकि पौधे उन तारों के जाल के साथ ऊपर की तरफ बढ़ सकें।
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