लातूर रेशम की खेती करके किसान हर साल कमा रहे हैं, ₹10 लाख रुपए
3 महीने में सिद्धेश्वर के द्वारा क्रॉप की गई रेशम से लगभग उसे ढाई लाख रुपए का फायदा मिल जाता है। इस तरह वह रेशम को 1 वर्ष में चार बार क्रॉप कर लेता है और प्रत्येक बार उसे ढाई लाख रुपए का मुनाफा होता है इस तरह से वह 4 बार में अर्थात 1 वर्ष में 10 लाख रुपए की कमाई रेशम की खेती से कर लेता है।
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Sericulture: हमारे भारत देश में कई चीजों की खेती की जाती है, आजकल रेशम कीट की खेती का प्रचलन बहुत तेजी से फैल रहा है। वैसे भी रेशम की खेती बहुत लाभकारी मांनी जाती है। ऐसी खेती महाराष्ट्र में भी की गई है। महाराष्ट्र के लातूर जिले की रेनापुर नामक तहसील के अंदर पारोला गांव में रहने वाले एक किसान ने की है।
इस किसान का नाम सिद्धेश्वर है, इसने अपनी डेढ़ एकड़ की जमीन में रेशम की खेती की है। इस खेती में उसे 1 साल के अंदर 10 लाख रुपए का फायदा मिला है। और इसी के साथ इस खेती में उसे ₹25000 की लागत आई है। देखा जाए तो इसके अंतर्गत कम लागत एवं ज्यादा फायदा मिल रहा है।।
इस खेती के अंदर सिद्धेश्वर ने बताया है कि वह प्रत्येक 3 माह के भीतर रेशम को क्रॉप लेता है, इसके अंदर जो लागत आती है, वो ₹25000 की लागत के अंदर ही शामिल होती हैं। 3 महीने में सिद्धेश्वर के द्वारा क्रॉप की गई रेशम से लगभग उसे ढाई लाख रुपए का फायदा मिल जाता है। इस तरह वह रेशम को 1 वर्ष में चार बार क्रॉप कर लेता है और प्रत्येक बार उसे ढाई लाख रुपए का मुनाफा होता है इस तरह से वह 4 बार में अर्थात 1 वर्ष में 10 लाख रुपए की कमाई रेशम की खेती से कर लेता है।
शहतूत का पेड़ रेशम की खेती के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
शहतूत के पेड़ रेशम की खेती में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। क्योंकि रेशम की खेती में अगर शहतूत के पेड़ लगा दिए जाए तो शहतूत के पत्ते को खाकर रेशम कीट रेशम बना पाएंगे। एवं सिद्धेश्वर ने खेती में शहतूत के पेड़ को अधिक महत्व दिया है।