Minimum Support Price – न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) क्या होता है, कौन निर्धारित करता है?
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत 7 तरह के अनाज, 5 प्रकार के दलहन और 7 तरह के तिलहन के अलावा कुछ दूसरी फसलें भी शामिल है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का निर्धारण सरकार द्वारा हर साल फसल की बुवाई के समय से पहले ही किया जाता है।
Minimum Support Price – न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भारत की केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित सफल का समर्थन मूल्य होता है जो काफी सालों से लागु है। किसानो की फसलों का सरकार द्वारा एक न्यूनतम मूल्य निर्धारित कर दिया जाता है और ऐसी न्यूनतम मूल्य को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) कहते है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) क्या होता है
आपको बता दें की इसकी शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा 60 के दशक में की गई थी जिसके तहत सरकार उस समय गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित करती थी। अब इसमें और भी बहुत सी फसलों को जोड़ दिया गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) योजना की शुरुआत इसलिए की गई थी ताकि किसानो को भी नुकसान ना हो और किसानो से उनकी गेहूं की फसल खरीदकर पीडीएस योजना के अंतर्गत देश के गरीबों में बांटा जा सके।
MSP को इंग्लिश में मिनिमम स्पोर्ट प्राइस (Minimum Support Price) और हिंदी में न्यूनतम समर्थन मूल्य कहते है और ये किसानो के लिए बहुत जरुरी है। जब भी किसानो को मार्किट में अपनी फसल के दाम काम मिलते है या कोई उसको सही दाम देकर खरीदता नहीं तो तो सरकार उस फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर उस फसल की खरीदारी करती है।
ऐसा बहुत बार होता है की बाजार में किसानो को अपनी फसल का अच्छा दाम नहीं मिलता तो सरकार उसको खरीदती है लेकिन उसके लिए अपनी फसल को रजिस्टर करवाना होता है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत 7 तरह के अनाज, 5 प्रकार के दलहन और 7 तरह के तिलहन के अलावा कुछ दूसरी फसलें भी शामिल है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का निर्धारण सरकार द्वारा हर साल फसल की बुवाई के समय से पहले ही किया जाता है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत कौन कौन सी फसल आती है ।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अन्तर्गत्त पहले केवल गेहूं की फसल आती थी लेकिन अभी फसलों की संख्यां बढ़ गई है। इन सभी फसलों के दाम सरकार द्वारा निर्धारित कर दिए जाते है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अन्तर्गत्त आने वाली फसलों के नाम इस प्रकार से है।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में शामिल अनाज वाली फसलें : धान, गेहूं, बाजरा, मक्का, ज्वार, रागी और जौ।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में शामिल दाल वाली फसलें:चना, अरहर, मूंग, उड़द और मसूर।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में शामिल आयल वाली फसलें: मूंग, सोयाबीन, सरसों, नाइजर या काला तिल, कुसुम, सूरजमुखी और तिल।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में शामिल अन्य फसलें: नारियल, जूट, गन्ना और कपास।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का निर्धारण कौन करता है?
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) जैसा की हमें ऊपर बताया है की इसको केंद्र सरकार द्वारा निर्धारि किया जाता है। सरकार द्वारा इसका निर्धारण करने के लिए एक कमेटी बनाई हुई है जिसका नाम है कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट एंड प्राइसेस। कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट एंड प्राइसेस द्वारा हर साल किसानो की खेती में लगने वाले मूल्य और परिश्रम को जोड़के इसका निर्धारण किया जाता है।
इसमें कमेटी द्वारा खेतों में लगने वाले बीज, खाद, बिजली बिल, पानी का खर्च, कीटनाशकों का खर्च आदि सभी खर्चे जोड़ने के अलावा किसान और उसके परिवार द्वारा होने वाली मेहनत को भी जोड़ा जाता है। इन सबके आधार पर हर साल फसल बोने से ठीक पहले सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित होता है।
सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) क्या है?
भारत की केंद्र सरकार द्वारा हर साल फसलों की बुवाई से ठीक पहले निर्धारित फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) जारी कर दी जाती है। इस साल के लिए फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) यहाँ निचे दी गई है आप चेक कर सकते है।