Kumkum Bhindi Ki Kheti – कुमकुम भिंडी की विदेशों में भारी डिमांड – किसान कमा रहे लाखों रूपए
कुमकुम भिंडी में अनसैचुरेटेड फैट की मात्रा 94% होने के कारण ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। कुमकुम भिंडी में एंटीऑक्सीडेंट और आयरन भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। कुमकुम भिंडी में विटामिन बी काम्प्लेक्स होने के कारण ये शुगर के मारिओं के लिए भी वरदान का काम करती है।
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Kumkum Bhindi Ki Kheti: जैसे जैसे भारत के किसान भी खेती के नए नए तरीके आजमा रहे है वैसे वैसे भारत में कृषि क्रांति बढ़ती ही जा रही है। राजना हमारे किसान भाई अलग अलग प्रकार की खेती करके आज लाखों रुपये कमाई कर रहे है। अभी हाल ही में किसान योजना डॉट ओआरजी पर एक पोस्ट शेयर की थी जिसमे हमने बताया था की कैसे एक ही पौधे पर तीन तरह की सब्जियों को पैदा करना अब शुरू हो चूका है। ठीक ऐसी तरफ अब कुमकुम भिंडी भी चर्चा का विषय बानी हुए है। चलिए जानते है की क्यों आखिर इतनी चर्चा हो रही है कुमकुम भिंडी की और कैसे करते है इसकी खेती ताकि हमारे किसान भाई भी लाखों की कमाई कर सके।
कुमकुम भिंडी की इस समय विदेशों में बड़ी भरी डिमांड हो रही है है। किसान भाई Kumkum Bhindi Ki Kheti करके विसेधों में एक्सपोर्ट कर रहे है। इसके पीछे भी एक बड़ी वजह है। कुमकुम भिंडी में 94 प्रतिशत पॉली अनसैचुरेटेड फैट होता है और यही एक बड़ी वजह है की विदेशी लोग इसकी डिमांड कर रहे हैं। आपने देखा होगा की विदेशों में लोग अपनी सेहत को लेकर कुछ ज्यादा ही जागरूक है। कुमकुम भिंडी को लाल भिड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इसकी वजग है इसका रंग लाल होना।
कुमकुम भिंडी की खेती के लिए सही समय क्या है?
Kumkum Bhindi Ki Kheti करने के लिए किसान भाइयों को बता दें की इसको साल में दो बार बोया जाता है। पहली फसल फरवरी से अप्रैल के बीच में और दूसरी फसल की बुआई दिसंबर और जनवरी के महीने में की जाती है। कुमकुम भिंडी में फरवरी मार्च के महीने में पैदावार होनी शुरू हो जाती है और ये सितम्बर तक चलती है।
कुमकुम भिंडी की बुआई के लिए खेत की तैयारी कैसे करें?
Kumkum Bhindi Ki Kheti करने के लिए सबसे पहले एक जुताई करने के बाद खेत में गोबर का खाद दाल देना है। खाद डालने के बाद उसमे दो बार जुताई करें और खेत को समतल कर दें। किसान भाइयों को ध्यान रखना है की खेत की मिटटी भुरभुरी हो जानी चाहिए। किसान को इसके लिए हेर्रौ और कल्टीवेटर से खेत की अच्छे से जुताई करनी है। अगर खेत में ढेले रह जायेंगे तो ये आगे चलकर आपकी कुमकुम भिंडी की फसल के लिए नुकसान देंगे।
कुमकुम भिंडी में सिंचाई कैसे करें?
जिस प्रकार से किसान भाई ह्री भिंडी की खेती के समय सिंचाई करते हैं वैसे ही Kumkum Bhindi Ki Kheti की सिंचाई करनी है। फरवरी मार्च में सिंचाई 10 से 12 दिन में एक बार करनी चाहिए। इसके अलावा अप्रैल से जून में कुमकुम भिंडी में सिंचाई 4 से 5 में ही कर देनी चाहिए क्योंकि इस समय खेत की नमी जल्दी जल्दी चली जाती है। अगर आप रबी में फसल कर रहे है तो इसकी सिंचाई आपको 15 से 20 दिन के अंतराल पर करनी चाहिए।
कुमकुम भिंडी की विदेशों में क्यों है भारी मांग?
जैसा की हमने ऊपर बताया की विदेशी लोग अपनी सेहत को लेकर कुछ ज्यादा ही फिकरमंद रहते है। कुमकुम भिंडी में अनसैचुरेटेड फैट की मात्रा 94% होने के कारण ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। कुमकुम भिंडी में एंटीऑक्सीडेंट और आयरन भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। कुमकुम भिंडी में विटामिन बी काम्प्लेक्स होने के कारण ये शुगर के मारिओं के लिए भी वरदान का काम करती है।
कुमकुम भिंडी में इसके अलावा सोडियम भी अधिक मात्रा में पाया जाता है इस कारण ब्लड प्रेशर में भी फायदा पहुंचाती है। कुमकुम भिंडी में ये सब फायदेमंद चीजें होने के कारण ही इसकी डिमांड विदेशों में अचानक से बाद गई है। कुमकुम भिंडी को खाने से शरीर का मेटाबोलिस्म भी एकदम से ठीक रहता है।