Fasal Jankari

किसानो को होगा जबरदस्त मुनाफा , लहसुन की उन्नत किस्म देगी तगड़ी पैदावार ,जानिए उन्नत किस्मे

लहसुन की खेती किसानो को तगड़ा मुनाफा देती है ,अगर किसानो अच्छी किस्म को चयन कर लहसुन के बीजो की बुआई करे तो उनको ज्यादा से ज्यादा मुनफा मिलेगा। इसके लिए किसानो को लहसुन की किस्मो के बड़े में पता होना जरूरी है। इसलिए हम आपको लहसुन की उन्नत किस्मो की सम्पूर्ण जानकरी देगी ,जिससे किसान अच्छी उपज प्राप्त कर सके ,आइये जानते है ,लहसुन की उन्नत किस्मे के बड़े में जो किसानो को मालामाल कर देगी

Improved Varieties Of Garlic : लहसुन की खेती नगदी फसल के रूप में की जाती है ,और यह एक औषधीय पौधा होता है ,जिसको खाना मानव के लिए लाभकारी होता है। लहसुन को मध्यप्रदेश में रबी की फसल के साथ उगाया जाता है। भारत में लगभग सभी राज्यों में लहसुन की खेती की खेती की जाती है। लहसुन की खेती मसालों के लिए भी की जाती है। यूरोप और एशिया में लहसुन को जन्म माना जाता है। लहसुन की खेती से किसानो को अच्छा मुनाफा मिलता है। लहसुन में प्रोटीन तत्वों की प्रधानता मिलती है। इसके साथ ही लहसुन में कैल्शियम ,पोटेशियम ,फास्फोरस और मैग्नीशियम आदि उचित मात्रा में पाए जाते है।

लहसुन की खेती किसानो को तगड़ा मुनाफा देती है ,अगर किसानो अच्छी किस्म को चयन कर लहसुन के बीजो की बुआई करे तो उनको ज्यादा से ज्यादा मुनफा मिलेगा। इसके लिए किसानो को लहसुन की किस्मो के बड़े में पता होना जरूरी है। इसलिए हम आपको लहसुन की उन्नत किस्मो की सम्पूर्ण जानकरी देगी ,जिससे किसान अच्छी उपज प्राप्त कर सके ,आइये जानते है ,लहसुन की उन्नत किस्मे के बड़े में जो किसानो को मालामाल कर देगी।

लहसुन की उन्नत किस्मे ,जानिए

आपको बता दे को लहसुन की अनेक किस्मे होती है ,ककई किस्मे आपको बाजार में भी मिल जाएगी। लहसुन की कुछ किस्मे कम समय में भी अच्छी पैदावार देती है ,और कुछ किस्मे देर से पककर तैयार होती है। ओर अच्छी पैदावार देती है ,इसके अलावा कुछ किस्मे ऐसी होती है ,जो किसानो के लिए काफी लाभदायक होती है। अच्छी किस्मो को चयन कर किसान तगड़ा मुनाफा प्राप्त कर सकते है। लहसुन की कुछ इसमें इस प्रकार है –

यमुना सफेद ( G – 1 ) किस्म

लहसुन की यह किस्मे 160 दिनों में पकाकर तैयार हो जाती है ,और यह किस्मे प्रति हेक्टैयर के हिसाब से 160 से 180 किवंटल की पैदावार देती है। इस किस्म के पौधे बैंगनी धब्बा और झुलसा रोग के प्रतिरोधी होते है। इस किस्म के एक कंद में 25 से 30 के आस – पास कालिया पाई जाती है। इस किस्म को अधिक समय तक भंडारण किया जा सकता है ,लहसुन की यह किस्म काफी अच्छी होती है ,जो अच्छी पैदावार के साथ – साथ किसानो को तगड़ा मुनाफा भी देती है।

यमुना सफेद – 2 ( G – 50 ) किस्म

यह किस्म धब्बा रोग और झुलसा की प्रतिरोधी होती है। लहसुन की यह किस्म 160 से 170 दिनों में पकाकर तैयार हो जाती है। यह किस्म प्रति हेक्टैयर के हिसाब से 155 से 160 किवंटल की पैदावार देती है ,इस किस्मो की अन्य देशो में निर्यात किया जाता है। इस किस्म के एक कंद में 15 से 20 कालिया पाई जाती है। इस किस्म से काफी उपज प्राप्त की जा सकती है।

एग्रीफाउण्ड सफेद ( G – 41 ) किस्म

इस किस्म को गुदा क्रीम राग को पाया जाता है ,तथा इसमें मध्यम आकर और कंद ठोस होता है। लहसुन की यह किस्म 155 से 165 दिनों में पकाकर तैयार हो जाती है। लहसुन की यह किस्म झुलसा रोग को सहन कर सकती है और यह किस्म प्रति हेक्टैयर के हिसाब से 130 से 135 किवंटल की पैदावार देती है। और इस किस्म के एक कंद में 20 से 25 कलिया पाई जाती है।

भीमा ओंकारा किस्म

आपको बता दे की लहसुन की यह किस्म भी काफी अच्छी पैदावार देती है। लहसुन की यह किस्म हरियाणा ,राजस्थान ,दिल्ली और गुजरात के परेशो में उपयुक्त मानी जाती है। यह किस्म 120 से 140 दिनों में तैयार हो जाती है ,और यह प्रति हेक्टैयर के हिसाब से 80 से 150 किवंटल की पैदावार देती है ,जिससे किसानो की अच्छी कमाई होती है।

इसके अलावा भी लहसुन की अन्य किस्मे पाई जाती है ,जो इस प्रकार है –

अन्य किस्मे –

  • भीमा ओमेरी किस्म
  • पार्वती (G – 313 ) किस्म
  • G -2 किस्म का लहसुन
  • देशी लहसुन की किस्म
  • गोदावरी किस्म
  • यमुना सफेद 4 (जी-323 ) किस्म
  • यमुना सफेद 2 (जी-50) किस्म
  • यमुना सफेद 3 (जी-282) किस्म

Vinod Yadav

विनोद यादव हरियाणा के रहने वाले है और इनको करीब 10 साल का न्यूज़ लेखन का अनुभव है। इन्होने लगभग सभी विषयों को कवर किया है लेकिन खेती और बिज़नेस में इनकी काफी अच्छी पकड़ है। मौजूदा समय में किसान योजना वेबसाइट के लिए अपने अनुभव को शेयर करते है। विनोद यादव से सम्पर्क करने के लिए आप कांटेक्ट वाले पेज का इस्तेमाल कर सकते है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *