गेंदा के फूल की खेती कैसे करें? – गेंदा के फूल की खेती की पूरी जानकारी, फायदे, नुकसान, बचत, कहां बेचें
गेंदे के फूल की खेती आप पुरे साल में कभी भी कर सकते हो। इसमें आपको ये ध्यान रखना है की बारिश के मौसम में गेंदे की खेती में पानी का जमाव नहीं होना चाहिए। इसके लिए आपको अच्छे से खेत में से पानी की निकासी का प्रबंध करना होगा। इसके अलावा गेंदे की फसल को बौने का सबसे सही समय सितम्बर - अक्टूबर और जनवरी से मार्च का महीना होता है।
Gende Ke Fool Ki Kheti: भारत क्या पूरी दुनिया में जब भी कोई प्रोग्राम होता है तो गेंदे के फूलों की जरुरत पड़ती है। शादी हो, उद्घाटन हो, नेताओं की रैली हो या फिर कोई भी कार्यकर्म, सबसे इसकी जरुरत होती है। यानि कोई भी संस्कृति से जुड़ा कार्य हो उसमे गेंदे के फूलों की जरुरत पड़ती ही है और इसी कारण से मार्किट में इसकी डिमांड भी काफी ज्यादा रहती है। वैसे भी भारत देश की जलवायु के हिसाब से यहाँ गेंदे की खेती बहुत आसानी से हो जाती है। काम समय में अच्छा खासा मुनाफा इस फसल से मिलता है।
आज के इस आर्टिकल में आपको गेंदे के फूल की खेती (Marigold Flower Farming) के बारे में विस्तार से बतायेंग। जैसे की गेंदे की खेती कैसे करें, Gende Ki KHeti में ध्यान रखने वाली बातें, Gende Ki Kheti Me रोगों की रोकथाम, Gende Ki Kheti के फायदे और नुकसान आदि सभी विषयों को इस आर्टिकल में हम कवर करेंगे। आप इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़ना।
गेंदे के फूल की खेती कैसे करें? देखिये गेंदे की खेती करने का तरीका –
भारत की जलवायु गेंदे के फूल की खेती (Marigold Flower Farming) के लिए बहुत ही अच्छी है। यहाँ की जलवायु में गेंदे की फसल बहुत ही अच्छी पैदावार होती है। Gende Ki Kheti करने के लिए आपको ज्यादा खास जानकारी नहीं भी हो तो भी चलेगा। बस आपको कुछ इस आर्टिकल में वो सब जानकारी दे दी जाएगी जिससे आप आसानी से गेंदे के फूल की खेती कर सकते हो।
गेंदे के फूल की खेती के लिए खेत की तैयारी -Gende Ke Foolon Ki Kheti Ke Liye Khet Ki Taiyari
आप गेंदे के फूल की खेती (Marigold Flower Farming) करना चाहते है तो सबसे पहले इसके लिए आपको खेत को तैयार करना होगा। उसके लिए आपको ये ध्यान रखना होगा की जमीन में पानी का निकास अच्छे से होना चाहिए। क्योंकि जहां जल जमाव होता है वहां गेंदे की खेती रुक नहीं पाती है। इसके अलावा जिस मिटटी में आप गेंदे की सफल करने जा रहे हैं उस मिटटी की pH 6 से 8 के बीच होनी चाहिए। अगर आपकी मिटटी में खारापन अधिक है या फिर आपके खेत की मिटटी में तेजाब की मात्रा अधिक है तो भी गेंदे की फसल (Gende Ki Fasal) के लिए ये अनुकूल नहीं है।
इसलिए आप इसके लिए एक बार अपने खेत की मिटटी का निरिक्षण अपने निकटतम कृषि अनुसन्धान केंद्र से करवा सकते है। इसके बाद आपको खेत की जुताई करके उसको तैयार करना है। 2 से 3 बात खेत की जताई करनी चाहिए और फिर खेत में जैविक खाद 25 किलो और 50 किलो DAP उर्वरक डालकर जुताई करनी है। ये गेंदे की फसल (Gende Ki Kheti) में अच्छी पैदावार के लिए बहुत ही जरुरी होता है।
खेत की जजुटै में ये ध्यान रखना है की खेत की मिटटी अच्छे से भुरभरी हो जनि चाहिए। आखिरी जुताई से ठीक पहले आप इस खेत में अगर रूड़ी का खाद यानि की गोबर का खाद अगर है तो जरूर डालें। ये आपके पौधों को फुटाव अधिक देगा और साथ में फसल की पैदावार भी अधिक होगी।
खेत की जुताई होने के बाद आपको खेत में मेंढ़ बनाकर उसको तैयार करना है। आप चाहे तो बिना मेंढ़ के भी गेंदे के फूल की पैदावार कर सकते हैं। लेकिन मेंढ़ बनाकर फसल उगाने में ज्यादा फायदा मिलता है जिसकी चर्चा आगे करेंगे। तो आपको पुरे खेत को मेंढ़ बनाकर अलग अलग क्यारियों में बांट देना है। तो इस तरफ से आप Gende Ke Fool Ki Kheti के लिए अपने खेत को तैयार कर सकते हैं। एक बात ऊपर आपको बता दें की गेंदे के फूल की खेती 15 डिग्री से लेकर 35 डिग्री तापमान में अच्छे से हो जाती है।
गेंदे के फूल की खेती की बुआई का समय क्या होता है – Gende Ki Fasal Ka Buwai Ka Sahi Samay
गेंदे के फूल की खेती (Gende Ke Fool Ki Kheti) आप पुरे साल में कभी भी कर सकते हो। इसमें आपको ये ध्यान रखना है की बारिश के मौसम में गेंदे की खेती में पानी का जमाव नहीं होना चाहिए। इसके लिए आपको अच्छे से खेत में से पानी की निकासी का प्रबंध करना होगा। इसके अलावा गेंदे की फसल को बौने का सबसे सही समय सितम्बर – अक्टूबर और जनवरी से मार्च का महीना होता है। बारिश के मौसम के लिए गेंदे की एक किस्म है हजारिया जो जून जुलाई के महीने में बोई जाती है। ये किस्म खास बारिश के मौसम के लिए उपयुक्त होती है। जिन राज्यों में बारिश ज्यादा होती है उन किसानो को इसी किस्म को बारिश के महीनो के लिए बुआई करनी चाहिए।
गेंदे के फूल की खेती का सही समय | पुरे साल में कभी भी बुआई कर सकते हैं। |
गेंदे की खेती के लिए तापमान | 15 से 35 डिग्री बिलकुल उपयुक्त तापमान हैं। |
तुड़ाई के समय तापमान | 28 से 35 डिग्री |
मिटटी कैसी होनी चाहिए | भुरभुरी |
पौधे के बीच फैसला | 45X45 होना चाहिए |
गेंदे के फूल की किस्मे कौन कौन सी है ? Gende Ke Foolon Ki Kisme
गेंदे के फूल की किस्मो की बायत करें तो बहुत सारी है लेकिन भारत में सबसे ज्यादा बोये जाने वाली किस्मे पहले आपको बता देते हैं। भारत में गेंदे के फूलों की खपत बहुत ज्यादा है। एक तो भारत देश बहुत बड़ा है और यहां आये दिन कोई ना कोई कार्यक्रम चलता ही रहता है और दूसरा इत्र और दवाईयां बनाने में भी देंगे के फूलों का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में होता है। देखिये भारत में बोई जाने वाली गेंदे की किस्मे कौन कौन सी हैं।
– Gende Ke Foolon Ki Unnat Kise
पूसा अर्पिता – पूसा अर्पिता गेंदे की ही एक उन्नत किस्म है जिसकी बड़ी तादात में भारत में खेती की जाती है। इस किस्म को साल 2009 में भारतीय कृषि अनुसन्धान द्वारा विकसित किया गया था। इसकी एक अकड़ के हिसाब से पैदावार की बात करें तो 80 से 85 क्विंटल तक होती है। पूसा अर्पिता किस्म को सितम्बर – अक्टूबर में बोया जाता है और इससे दिसम्बर – जनवरी में किसान को पैदावार मिलने लगती है। पूसा अर्पिता गेंदे के फूल हलके से नारंगी रंग के होते है जो देखने में बहुत ही खूबसूरत होते है।
पूसा बसंती गेंदा: पूसा बसंती गेंदा की किस्म को पुरे भारत में आप किसी भी क्षेत्र में बुआई कर सकते है। पूसा अर्पिता की तरह ही गेंदे की इस किस्म को भारतीय कृषि अनुसन्धान केंद्र द्वारा साल 1995 में ईजाद किया गया था। पूसा बसंती गेंदे के फूलों का रंग पीला होता है जिस कारण दे दूर से ही देखने में बहुत खूबसूरत लगते हैं। पूसा बसंती किम से किसान प्रति एकड़ में लगभग 95 से 100 किवंटल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं। पूसा बसंती देंगे की किस्म में पौधे लगाने के बाद करीब 130 से 140 दिनों के बाद किसान को फूलों की उपज मिलनी शुरू हो जाती है। पूसा बसंती गेंदे के पत्ते गहरे हरे रंग के होते है और इसके पौधे की लम्बाई लगभग 58 से 60 सेंटीमीटर तक होती है।
पूसा नारंगी गेंदा: किसान भाइयों जैसा की गेंदे की इस किस्म के नाम से ही पता चलता है की इसके फूलों का रंग नारंगी होता है। देखने में बड़े ही खूबसूरत होते है इसके फूल। आपको बता दें की पूरा नारंगी गेंदे की किस्म के फूलों में कैरोटीनॉयड नाम का पदार्थ बहुत ही अधिक मात्रा में होता है इस कारण से दवाइयों और खाद्य पदार्थ बनाने में इसका उपयोग बहुतायत किया जाता है। पूसा नारंगी किस्म से किसान प्रति एकड़ 110 से 120 क्विंटल तक की पैदावार आसानी से ले सकता हैं। इसकी फसल पौधे लगाने के बाद लगभग 130 से 140 दिनों किसान को फूल देने लग जाती है। इसका पौधा लगभग 80 सेंटीमीटर तक लम्बा होता है और इसके फूल में दोहरी पत्तिया होती है जो देखे में अच्छी लगती है। इसके पौधे की पत्तिया गहरे हरे रंग की होती है।
अफ्रीकन मेरीगोल्ड गेंदा: गेंदों की और सफलों के मुकाबले इस किस्म की फसल ज्यादा दिनों तक पैदावार देती है। किसान भाइयों ये गेंदे की F1 हाइब्रिड किस्म होती है और इस पर फूलों की संख्या भी अधिक रहती है। इसके फूल गहरे पिले रंग के होते है और प्रति एकड़ किसान भाई इस किस्म से लगभग 120 से 135 क्विंटल तक की पैदावार आसानी से ले सकते हैं। इसका फूल बाकि फूलों के मुकाबले में काफी गहरा और गुथा हुआ रहता है।
किसान भाइयों जो ऊपर हमने आपको गेंदे की किस्मे बताई है ये वो किस्मे है जो भारत्त में सबसे ज्यादा बोई जाती है। इसके अलावा भी गेंदे की और भी किस्मे है जैसे बोनान्जा गेंदा, लिटिल हीरो गेंदा, बौनतय गेंदा, हीरो ऑरेंज गेंदा, क्वीन सोफिए गेंदा, सफारी स्कारलेट गेंदा, सफारी टाँगेरिने गेंदा, टाइगर-आईज गेंदा, येलो जैकेट गेंदा, सफारी मिक्सचर गेंदा, सिग्नेट गेंदा, लेमन गेम गेंदा, स्पेनिश तारगोन गेंदा, पॉट गेंदा, आयरिश लास गेंदा, जेनिथ लेमन येलो गेंदा, जेनिथ रेड गेंदा, मेक्सिकन गेंदा आदि। लेकिन ये किस्मे भारत में इतनी ज्यादा नहीं बोई जाती। भारत के कुछ राज्य हैं जो इसकी खेती करते हैं लेकिंन बहुत ही काम मात्रा में।
गेंदे के फूलों की खेती के लिए पौध कैसे तैयार करें – Gende Ki Paudh Kaise Taiyar Karen
गेंदे की खेती के लिए सबसे पहले आपको पौध तैयार करनी होगी। पौध तैयार करने के लिए 1X1 की एक क्यारी तैयार करें और उस क्या में गोबर का खाद डालकर अच्छे से उसको मिक्स कर दें। आप साल मे कभी भी गेंदे की खेती के लिए पौध तैयार कर सकते है। गेंदे की जिस किस्म की आप खेती करने जा रहे है उसके बीज का प्रबंध आपको करना होगा या फिर आपने अगर पहले इसकी खेती की है तो आप उसके फूलों से उसका बीज तैयार कर सकते हैं।
पौध तैयार करने के लिए आपको गेंदे के बीजों को लगभग 1 से 2 सेंटीमीटर जमीन के अंदर दाल दे और उस पर पानी का छिड़काव जरूर करें ताकि नमी बनी रहे। कुछ दिन में गेंदे के बीज अंकुरित होकर पौधे बन जायेंगे। अब आपको इन पौधों को जब ये लगभग 10 से 15 सेंटीमीटर के हो जाएँ तो इनको जमीन में मिटटी के साथ ही उखाड़ना है ताकि इनकी सही से रोपाई की जा सके।
पौध तैयार करने के लिए प्रति एकड़ में लगभग 600 से 700 ग्राम बीज पर्याप्त रहते हैं। ध्यान रहे की गेंदे की पौध तैयार करने के लिए पहले बीजों को एजोसपीरियम 200 ग्राम मात्रा के साथ उपचायत जरूर करें जिससे पौध अच्छी होंगी और किसी भी प्रकार का रोग भी नहीं लगेगा।
गेंदे की खेती के लिए पौधरोपण कैसे करें – How to plant for marigold cultivation
जब आपके गेंदे की पौध तैयार हो जाए तो समय आता है इसकी खेतों में रोपाई का। जिस खेत में आपको गेंदे की खेती करनी है ओरजिस्को आपने गेंदे की खेती के लिए तैयार कर रखा है उसमे आपको अब गेंदे की पौध की रोपाई करनी है। रोपाई करने के लिए ध्यान रखें की पौध से पौध की दूरी करीब 30 सेंटीमीटर होनी चाहिए। अगर पौध ज्यादा नजदीक में लगाएंगे तो गेंदे के पौधे को फैलने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं मिलेगा। इससे आपकी पैदावार पर भी फर्क पड़ेगा।
सभी किसान भाई इस बात का ध्यान रखें की पौधरोपण करने के बाद खेत में हल्का पानी देना है जिससे पौधे की जड़ें जम जायें। पौधे से पौधे की दूरी आपको हमने पहले ही बता दी है।
गेंदे के फूलों की खेती में सिचाईं कब करनी चाहिए – When should irrigation be done in marigold flower cultivation?
किसान भाइयों गेंदे की खेती में सिंचाई करने के लिए आपको पौध रोपने के तुरंत बाद करनी होती है। इसके बाद आप हर 10 दिन के अंतराल पर हलकी सिचाई करते रहे जिससे खेत में नमी बानी रहे। जब गेंदे के पौधे में फूल आने का समय होता है उस समय सिचाई पर ध्यान ज्यादा देना होता है जिससे आपको भरपूर पैदावार मिल सके।
गेंदे के पौधे में जब फूल आने वाले हो उस समय आपको खेत की सिंचाई जल्दी जल्दी करनी होती है। जब पौधों में कलियाँ बन रही हो उस समय हर 4 से 5 दिन के अंतराल पर सिंचाई जरूर करें।
गेंदे की फसल में कटाई और छंटाई कब करनी चाहिए – When should harvesting and pruning be done in Marigold crop?
किसान भाइयों गेंदे की खेती में आपको पौधों की कटाई और छंटाई का ध्यान भी रखना होता है। कटाई और छंटाई से पौधों में फुटाव अधिक होता है जिससे एक ही पौधे में अनेक शाखाएं बनकर पौधा भरी हो जाता है। इसका सीधा असर आपकी पैदावार पर पड़ता है। इसलिए गेंदे की खेती में कटाई और छंटाई करना बेहद जरुरी होता है।
गेंदे के फूलों की खेती में सभी किसान भाइयों को कटाई और छंटाई के साथ खेत की निराई गुड़ाई भी करनी होती है। इस प्रक्रिया के दौरान खेतों से सभी खरपतवार को बहार निकाला जाता है और साथ में खेत की गुड़ाई होने से पौधों का विकास भी बहुत तेजी से होता है। गेंदे के पौधों की निराई पहली बार आपको पौध लगाने के 25 दिन बाद करनी चाहिए और दूसरी निराई 40 से 45 दिन बाद करें। साथ में आपको 40 से 45 दिन बाद सभी पौधों की कटाई छटाई भी करनी है। कटाई छटाई करने से पौधों में फुटाव ज्यादा होता है। नई नई शाखाएं पौधों पर आने लगती हैं और जितनी ज्यादा शाखाएं पौधे पर होंगी उतने अधिक फूल पौधे पर आएंगे।
गेंदे के फूलों की खेती में फूलों की तुड़ाई कब करें – When to harvest flowers in marigold cultivation
गेंदे की खेती में गेंदे की पौध लगाने के 60 से 70 दिन बाद फूल आने शुरू हो जाते हैं। सभी किसान भाइयों को इस बात का भी ध्यान रखना है की जब भी आप फूलोंकी तुड़ाई करेंतो उससे पहले हलकी सिंचाई खेत में जरूर करें। इससे फूलों में भी नमी बानी रहेगी और फूल ज्यादा लम्बे समय तक तजा बने रहेंगे। फूलों की तुड़ाई तभी करें जब फूल पूरी तरफ से खिल जाये। बिना खिले फूल या फिर कच्ची कलियों को बिलकुल भी ना तोड़ें।
किसान भाइयों को इस बात का भी ध्यान रखना है की कभी भी गेंदे के फूलों की तुड़ाई दिन में दोपहर के समय ना करें। गेंदे के फूलों की तुड़ाई हमेशा या तो सुबह करें या फिर शाम के समय करें। गेंदे के फूलों को तोड़ने के बाद उन्हें टोकरी में रखें। टोकरी में रखने से फूलों पर दवाब नहीं पड़ेगा और फूल अधिक देर तक ताजा रहेंगे।
गेंदे के फूलों की खेती में लगत और कमाई कितनी है – How much does it cost and earn in the cultivation of marigold flowers?
गेंदे की खेती में लागत की बात करें तो इतनी ज्यादा लगात इसमें नहीं आती है। लेकिन आपको गेंदे की खेती में कमाई बहुत अधिक है। आप साल भर में पार्टी हेक्टेयर में लगभग 8 से 10 टन गेंदे की पैदावार आसानी से कर सकते हैं। गेंदे की फसल पुरे साल में 10 से 12 बार तुड़ाई आसानी से हो जाती है।
गेंदे के फूलों की डिमांड गावं की बजाय शहरों में अधिक है इसलिए हमेशा अपने गेंदे के फूलों को बड़े शहर में पहुँचाने का प्रयास करें ताकि उसके दाम भी अधिक मिल सके। एक एकड़ में गेंदे की खेती में सालभर में आराम से 4 से 5 लाख की आमदनी आसानी से हो जाती है। सबसे बड़ी बात ये होती है की आपको नगद कमाई होती है। गेंदे के फूल का भाव मार्किट में लगभग 60 से 70 रूपए किलो आसानी से मिल जाता है। शादियों के सीजन और त्योहारों के समय पर तो इसके भाव और भी अधिक बढ़ जाते हैं।
आखिर में सभी किसान भाइयों के लिए – Finally for all farmer brothers
तो किसान भाइयों ये थी गेंदे के फूलों से जुडी जानकरी। मुझे उम्मीद है की आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी और आपके काम भी आएगी। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी हो तो आपसे निवेदन है की इसको शेयर जरूर करें ताकि और किसान भाई भी इसको पढ़कर इसका लाभ उठा सके। अब Kisan Yojana का WhatsApp Group भी बन चूका है और आप हमसे इस ग्रुप के माध्यम से जुड़ सकते हैं। ग्रुप में जुड़ने का फायदा ये मिलेगा की फ्री में सभी ख़बरें रियल टाइम में आपके फ़ोन पर उपलब्ध हो जायेंग।
Questions and answers related to the cultivation of marigold flowers
सवाल: गेंदे का फूल कितने दिन में तैयार हो जाता है?
जवाब: गेंदे के फूलों को तैयार होने में लगभग 60 से 70 दिन का समय लगता है। गेंदे की कुछ किस्मे लगभग 10 दिन का समय अधिक लेती हैं।
सवाल: गेंदे के फूल का बीज कैसे लगाएं?
जवाब: गेंदे के बीजों को पहले पौध तैयार करने के लिए एक छोटी क्यारी में बोया जाना चाहिए। जब पौध तैयार हो जाए तो फिर किसान भाई अपने खेत में उसके पौधारोपण करते हैं।
सवाल: गेंदे के पौधे कैसे उगाए जाते हैं?
जवाब: गेंदे के पौधे हमेशा कतार में बुवाई किये जाते है। पौधे से पौधे की दूरी काम से काम 35 सेंटीमीटर होनी जरुरी है।
सवाल: गेंदे का बीज कब बोया जाता है?
जवाब: वैसे तो गेंदे के फूलो की खेती पुरे साल में कभी भी कर सकते हो।
सवाल: गेंदे के पौधे को जल्दी बड़ा कैसे करें?
जवाब: गेंदे के पौधे को जल्दी से विकसित करने के लिए आपको इसमें गोबर की सुखी खाद का इस्तेमाल करना चाहिए।
सवाल: गेंदे के पौधे में कौन सा खाद डालना चाहिए?
जवाब: गोबर का खाद