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कपास की उन्नत किस्में , ये किस्में देगी बम्पर उत्पादन

कपास की बुआई का समय नजदीक आ रहा है और किसानो को कपास की अच्छी फसल लेने के लिए टॉप किस्म का चुनाव करना बेहद ही जरुरी है। आज हम कपास की टॉप किस्मो की जानकारी आपको देने वाले है। उत्तरी भारत में बोई जाने वाली प्रमुख और प्रमाणित किस्मो की जानकारी आपको दे रहे है आइये जानते है कपास की प्रमुख किस्मो के बारे में

कपास की किस्मो की जानकारी देने से पहले आपको सलाह दी जाती है की अपने खेत की मिटटी की जांच जरूर करवा ले और कपास की किस्म का चुनाव मिटटी, जल और वातावरण के हिसाब से करे

श्री राम 6588 – ये कपास की किस्म संकर किस्म है इस किस्म में सभी प्रकार की सुंडी रोग और पत्तियों में सुकड़न रोग के प्रति बहुत अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। इस किस्म में पौधो की ऊंचाई 175 CM तक होती है। और प्रति हेक्टेयर इसकी उत्पादन क्षमता 28 किवंटल तक जाती है। ये औसतन राजस्थान , मध्य प्रदेश राज्य में बोई जाती है

रासी 773 किस्म – जो किसान कपास की अगेती बुआई करते है उनके लिए ये किस्म काफी अच्छी है। अगेती बुआई के लिए इस किस्म को सर्वोत्तम माना जाता है। ये किस्म काली जलोढ़ मिटटी में काफी अच्छी पैदावार देती है इसमें सुंडी रोग के प्रति अच्छी रोधक क्षमता होती है

रासी 776 किस्म – जिन क्षेत्रों में पानी की मात्रा कम होती है उन क्षेत्रों के लिए ये किस्म सर्वोत्तम होती है ये किस्म लगभग 170 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसकी बुआई का समय अप्रैल से जून का महीना होता है। इस किस्म में चूषक रोग का कोई असर नहीं होता है

बलराज – ये किस्म उन क्षेत्रों के लिए होती है जहा पर मिटटी हलकी और सामान्य होती है। ऐसी मिटटी में ये किस्म अच्छी पैदावार देती है। और ये कपास की किस्म तुड़ाई के समय तक हरी रहती है।

रासी 650 किस्म – ये किस्म मुख्य रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और गुजरात राज्य में काफी अधिक बोई जाती है। इसमें कम पानी की जरुरत होती है और प्रति एकड़ इसका उत्पादन 12 किवंटल तक जाता है। किसी भी प्रकार की मिटटी में इसकी बुआई की जा सकती है

US 51 किस्म – इस कपास की किस्म को कपास के बुआई समय से पहले भी और बाद में भी बोया जा सकता है। ये दोनों ही समय के लिए उपयुक्त है। इसमें सुंडी रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। ये किस्म हर प्रकार से फ़िलहाल अच्छा उत्पादन , वजन के मामले में बढ़िया परिणाम दे रही है इस किस्म को किसी भी प्रकार की मिटटी में लगा सकते है।

कपास की अगेती बुआई का समय

कपास की अगेती बुआई के लिए अप्रैल के पहले सप्ताह का समय ठीक रहता है। इसमें खेत में अच्छे से जुताई करके इसमें कीटनाशक की स्प्रे करके कपास को बोया जा सकता है। और समय पर सिंचाई का ध्यान रखना जरुरी है

कपास बुआई का सही समय

कपास की बुआई के लिए अप्रैल के अंतिम दिनों से 20 मई के आसपास तक का समय उत्तम होता है। इस दौरान कपास बुआई का कार्य पूर्ण कर लेना चाहिए

कपास की पछेती बुआई का समय

जिन किसानो को कपास की पछेती बुआई करनी है उनको 20 जून से पहले कपास की बुआई का कार्य पूर्ण कर लेना चाहिए और इसके लिए सही किस्म का चुनाव करना चाहिए ताकि अधिक उत्पादन लिया जा सके

ऊपर दी गई किस्मो के अतरिक्त और भी किस्में है जो अच्छी पैदावार दे रही है इसमें KCH 999 , H 1117 , 1236 , 1226 , अजित 199 BG , रासी जेट , US 51 , अंकुर 3228 , बीटी 2 आदि

Vinod Yadav

विनोद यादव हरियाणा के रहने वाले है और इनको करीब 10 साल का न्यूज़ लेखन का अनुभव है। इन्होने लगभग सभी विषयों को कवर किया है लेकिन खेती और बिज़नेस में इनकी काफी अच्छी पकड़ है। मौजूदा समय में किसान योजना वेबसाइट के लिए अपने अनुभव को शेयर करते है। विनोद यादव से सम्पर्क करने के लिए आप कांटेक्ट वाले पेज का इस्तेमाल कर सकते है।

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