बाजरे की बम्पर उत्पादन देने वाली किस्मे, कम पानी में होगा बम्पर उत्पादन
बाजरे की बुआई का समय नजदीक आ रहा है। खरीफ की फसलों में प्रमुख फैसले बाजरा और मक्के की होती है। देश के उत्तर प्रदेश , गुजरात , महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, पंजाब और मध्य प्रदेश राज्य में बाजरे की अधिकतम खेती की जाती है। बाजरे की फसल का अधिक उत्पादन लेने के लिए हम आपको इस पोस्ट में कुछ बढ़िया किस्मो की जानकारी देने वाले है जिनसे आप अपने खेत में बाजरे की बम्पर पैदावार ले सकते है।
बाजरे की किस्मे
बाजरा की फसल में बहुत कम पानी की जरुरत होती है। हर राज्य की मिटटी के हिसाब से बाजरे की किस्म बोई जाती है इससे किसानो को फसल का उत्पादन भी अधिक मिलता है और बाजरे में लगने वाले रोगो से भी छुटकारा मिल जाता है। बाजरे की कई किस्मे आती है जो की हर राज्य में मिटटी और तापमान के हिसाब से अलग अलग होती है। निचे बम्पर पैदावार देने वाली किस्मो की जानकारी दी गई है जो की कम पानी में अच्छी उपज देने में सक्षम है
RHB 117 किस्म
इस बाजरे की किस्म में 40 से 45 किवंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उत्पादन हो जाता है। ये किस्म 70 दिन के अंदर पक कर तैयार हो जाती है। इस किस्म में जोगिया और सूखा रोग के प्रति शहनशील क्षमता काफी अधिक होती है।
HHB 299 किस्म
ये बाजरे की किस्म प्रति हेक्टेयर 30 से 32 किवंटल फसल की पैदावार देती है। और इस किस्म में बाजरा 80 दिन में पककर तैयार हो जाता है। इसमें प्रमुख बीमारियों के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है
RHB 234
इस किस्म में हरित बाली रोग और ब्लास्ट रोग के प्रति रोधक क्षमता अधिक होती है। और इसके उत्पादन की क्षमता 30 से 33 किवंटल प्रति हेक्टेयर होती है। इसमें पानी की कम जरुरत होती है।
RHB 223
इस किस्म में प्रति हेक्टेयर 28 से 30 किवंटल तक का उत्पादन हो जाता है। और इस किस्म की फसल 70 दिन में पककर तैयार हो जाती है। जोगिया रोग के प्रति रोधक क्षमता अधिक होती है
MBH 151
इस बाजरे की किस्म में औसत उत्पादन 50 किवंटल तक हो सकती है इसकी उत्पादन क्षमता अन्य किस्मो से अधिक होती है। और इस किस्म में कोलेस्ट्रॉल को कंटोल करने की क्षमता अधिक होती है
Bayer 9444
ये किस्म 80 से 85 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसकी उत्पादन क्षमता प्रति एकड़ 15 किवंटल तक हो सकती है। इस फसल को खरीफ और जायद दोनों मौसम में बोया जा सकता है।
पूसा 322
ये किस्म बुआई के बाद तैयार होने में 80 दिन अधिकतम समय लेती है। ये संकर किस्म है इसकी प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्षमता 30 किवंटल तक होती है।
Pioneer 86 M 11
इस किस्म को तैयार होने में 75 से 80 दिन लगते हैं। यह किस्म के लिए सबसे अच्छा समयगर्मी का माना जाता है। यह समान लंबे और कॉम्पैक्ट इयरहेड्स के कारण अच्छी उपज देने वाला हाइब्रिड है इसमें पतले डंठल के साथ चौड़े पत्ते होते है लेकीन वर्दी टिलर के कारण अच्छे चारा पैदावार होती हैं।
बाजरे की बुआई का समय
बाजरे की बुआई के लिए सबसे उत्तम समय एक मार्च से 30 अप्रैल के बीच होता है। इस दौरान फसल की बिजाई करने से उत्पादन अधिक होता है। क्योकि ये समय बाजरे की बुआई के अनुकूल होता है। बाजरे की बुआई किसी भी प्रकार की मिटटी में की जा सकती है। बाजरे की बुआई करने से पूर्व खेत को दो से तीन बार जुताई जरूर करनी चाहिए
प्रति एकड़ बाजरे की बुआई
बाजरे की बुआई करते टाइम प्रति एकड़ डेढ़ से दो किलो बाजरे के बीज की जरुरत होती है इससे अधिक बीज की बुआई करने से फसल के उत्पादन पर असर होता है।