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टमाटर की खेती से लाखों की कमाई, जाने खेती करने की उन्नत तकनीक और अधिक पैदावार के लिए स्पेशल टिप्स

By Vinod Yadav

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Earning millions from tomato cultivation

Tomato Cultivation: टमाटर (Tomato) दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय सब्जियों में से एक माना जाता है। यह न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि पोषण से भरपूर भी होता है। इतिहास की बात करें तो टमाटर की उत्‍पत्ति दक्षिण अमेरिकी देशों (विशेषकर पेरू और मेक्सिको) से मानी जाती है। 16वीं शताब्‍दी के आसपास ये यूरोपीय देशों में पहुँचा, जहाँ इसे शुरुआत में सजावटी पौधे के रूप में उगाया जाता था। बाद में टमाटर की पोषकता और स्वाद ने इसे दुनियाभर में तेजी से लोकप्रिय बना दिया। आज भारत, चीन, अमेरिका, तुर्की और मिस्र सहित कई देश टमाटर के बड़े उत्‍पादक हैं। इनमें चीन और भारत टमाटर उत्‍पादन में शीर्ष स्थानों पर हैं, जबकि अमेरिका, तुर्की और मिस्र भी अहम योगदान देते हैं।

भारत में टमाटर को लगभग हर मौसम में उगाया जाता है, हालाँकि देश के अलग-अलग हिस्‍सों में अलग-अलग समय पर इसकी बुवाई और कटाई की जाती है। यह इतना महत्‍वपूर्ण है कि भारतीय व्यंजनों में टमाटर एक अनिवार्य अंग माना जाता है। “टमाटर की खेती” (Tomato Farming) एक आकर्षक कृषि व्यवसाय बन गई है क्योंकि इसमें सीमित समय में अच्छी पैदावार और अधिक मुनाफा कमाने की संभावना रहती है। अगर आप टमाटर के इतिहास और वैश्विक उत्‍पादन पर नजर डालें, तो पाएँगे कि इसकी माँग सालभर निरंतर बनी रहती है। यही वजह है कि किसान “टमाटर की खेती कब करें” और “अधिक मुनाफा कैसे कमाएँ” जैसे सवालों पर शोध करते रहते हैं।

टमाटर की खेती कैसे की जाती है?

  1. जलवायु और मिट्टी का चयन
    • टमाटर को गर्म और आर्द्र जलवायु पसंद होती है, लेकिन यह 10°C से 35°C तक के तापमान में भी अच्छी पैदावार देता है।
    • उचित जल निकासी वाली दोमट या बलुई दोमट मिट्टी टमाटर के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।
    • मिट्टी में जैविक पदार्थ (ऑर्गेनिक मैटर) की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए, जिससे पौधों को पर्याप्त पोषण मिल सके।
    • टमाटर की खेती के लिए खेत की 2-3 बार अच्छे से जुताई कर दें, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए और जल निकासी बेहतर हो सके।
  2. बीज की बुवाई और पौधशाला प्रबंधन
    • उन्नत किस्मों के बीज 8-10 घंटे धूप वाले स्थान पर तैयार की गई पौधशाला (नर्सरी) में 1 सेमी गहराई में बोएँ।
    • बीज बोने से पहले 24 घंटे पानी में भिगो लें तो अंकुरण बेहतर होता है।
    • नर्सरी में जैविक खाद का उपयोग करें और मिट्टी को बीज जनित रोगों से बचाने के लिए ट्राइकोडर्मा जैसे जैविक कवकनाशी का छिड़काव करें।
    • 20-25 दिन बाद पौधे को मुख्य खेत में प्रत्यारोपित (रोपाई) किया जा सकता है।
  3. खेत में पौधों का रोपण
    • टमाटर की उन्नत किस्में (Improved Varieties) चुनते समय अपने क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी को ध्यान में रखें। उदाहरण के लिए, पूसा रूबी, पूसा हाइब्रिड, आर्का विकास, आर्का रक्षक, और आशा जैसी प्रचलित किस्में काफी लोकप्रिय हैं।
    • पौधों की रोपाई शाम के समय करें और रोपण के तुरंत बाद हल्की सिंचाई दें।
    • पौधों के बीच सामान्य दूरी 45-60 सेमी और पंक्तियों के बीच 60-75 सेमी रखी जाती है। इससे पौधों को पर्याप्त जगह मिलती है और हवा का संचरण ठीक रहता है।
  4. सिंचाई और खाद प्रबंधन
    • टमाटर की फसल को हर 5-7 दिन में सिंचाई की जरूरत पड़ती है, लेकिन गर्मियों में 3-4 दिन में भी पानी देना पड़ सकता है।
    • ड्रिप इरिगेशन से पानी की बचत होती है और पौधों को जड़ स्तर पर नमी मिलती रहती है।
    • खाद के तौर पर 15-20 टन गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर, साथ ही एनपीके (NPK) जैसे उर्वरकों का संतुलित इस्तेमाल फसल के लिए लाभकारी है।
    • अगर आप जैविक टमाटर की खेती करना चाहते हैं तो वर्मी-कम्पोस्ट, गोबर की खाद, नीम खली आदि का उपयोग करें।

टमाटर की उन्नत किस्में (Improved Tomato Varieties)

  • पूसा रूबी (Pusa Ruby): यह किस्म जल्दी पककर तैयार हो जाती है।
  • पूसा हाइब्रिड 2 (Pusa Hybrid-2): अधिक उत्पादन और अच्छा आकार देती है।
  • आर्का विकास (Arka Vikas): रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर और फलों का आकार बड़ा होता है।
  • आर्का रक्षक (Arka Rakshak): वायरल रोगों के प्रति सहनशील मानी जाती है।
  • अविनाश 2 (Avinash 2): उच्च उत्पादन, तड़ित (क्रैक) कम होने के कारण बाजार में मांग अधिक।

टमाटर की खेती में देखभाल (Crop Management)

  1. निराई-गुड़ाई और मिट्टी चढ़ाना
    • समय-समय पर खरपतवार निकालते रहें, ताकि पौधों को पोषक तत्वों की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे।
    • पौधों की जड़ों के आसपास मिट्टी चढ़ाने से पौधा मजबूत रहता है और रोगों से सुरक्षा भी बढ़ती है।
  2. सहारा देना (Staking)
    • टमाटर की बेल वाली किस्मों को सहारा देने के लिए लकड़ी या बांस की खुटियों का उपयोग करें।
    • इससे पौधा सीधा बढ़ता है और फल जमीन से संपर्क में आने से सड़ने से बच जाते हैं।
  3. पौधों की कटिंग-छँटाई (Pruning)
    • अतिरिक्त टहनियों और पुराने पत्तों को समय-समय पर काटते रहें।
    • इससे मुख्य तने को पोषण मिलता है और फल का आकार और गुणवत्ता सुधरती है।

टमाटर के प्रमुख रोग और उनकी रोकथाम (Tomato Diseases and Prevention)

  1. अगेती झुलसा (Early Blight)
    • लक्षण: पत्तों पर भूरे गोल धब्बे, तनों पर काले धब्बे दिखाई देते हैं।
    • रोकथाम: रोग रोधी किस्मों का चयन करें, खेत में ज्यादा नमी न जमने दें, आवश्यकता पड़ने पर जैविक या रासायनिक फफूंदनाशी का छिड़काव करें।
  2. पछेती झुलसा (Late Blight)
    • लक्षण: पत्तों और फलों पर गहरे धब्बे जो बाद में फैलकर पूरा फल सड़ा देते हैं।
    • रोकथाम: समय-समय पर पौधों की जाँच करें, रोपाई के बाद कॉपर ऑक्सीक्लोराइड या मैन्कोज़ेब जैसे फफूंदनाशी का सुरक्षात्मक छिड़काव करें।
  3. टोमैटो लीफ कर्ल वायरस (Tomato Leaf Curl Virus)
    • लक्षण: पत्तियाँ मुड़ जाती हैं और पौधे की वृद्धि रुक जाती है।
    • रोकथाम: रोग प्रतिरोधी बीज लगाएँ, सफेद मक्खी (Whitefly) पर नियंत्रण करें और संक्रमित पौधों को तुरंत निकालकर नष्ट करें।
  4. बैक्टीरियल विल्ट (Bacterial Wilt)
    • लक्षण: पौधा अचानक मुरझा जाता है और जड़ के पास काला धब्बा दिखने लगता है।
    • रोकथाम: जल निकासी का ध्यान रखें, रोगग्रस्त पौधों को नष्ट करें और अगली फसल में रोग प्रतिरोधी किस्म का प्रयोग करें।
  5. फलों का फटना (Fruit Cracking)
    • लक्षण: पानी की अनियमितता के कारण फल फटने लगते हैं।
    • रोकथाम: नियमित सिंचाई और संतुलित पोषण से फटने की समस्या कम होती है।

टमाटर की खेती कब करें जिससे अधिक मुनाफा मिले?

  • ग्रीष्मकालीन फसल (मार्च-अप्रैल): मार्च के मध्य से अप्रैल तक रोपाई करके आप मई-जून में फसल की तुड़ाई कर सकते हैं। इन महीनों में बाजार में टमाटर की कीमत अच्छी मिलती है।
  • वर्षाकालीन फसल (जून-जुलाई): मॉनसून की शुरुआत में बुवाई करने पर सितंबर-अक्टूबर में फसल तैयार होती है। बारिश की अधिकता से बचाने के लिए ड्रिप इरिगेशन की सलाह दी जाती है।
  • रबी फसल (अक्टूबर-नवंबर): ठंड के मौसम में टमाटर की खेती करने से जनवरी-फरवरी में तुड़ाई की जाती है, तब बाजार में भाव बेहतर हो सकते हैं।

आपकी स्थानीय जलवायु और बाजार की माँग के अनुसार आप रणनीति बना सकते हैं। कई किसान साल में दो बार भी “टमाटर की खेती” करके लाभ उठाते हैं।

अधिक मुनाफा कमाने के लिए स्पेशल टिप्स

  1. मूल्य संवर्धन (Value Addition)
    • टमाटर को सीधा बाजार में बेचने की बजाय टमाटर सॉस, प्यूरी या जैम बनाकर बेचें तो लाभ बढ़ सकता है।
    • टमाटर ड्राई (सूखे टमाटर) का भी मार्केट बढ़ रहा है, जिससे सालभर बाजार में बिक्री की जा सकती है।
  2. बाजार अनुसंधान (Market Research)
    • टमाटर का भाव” और स्थानीय बाजार के साथ-साथ ऑनलाइन मार्केट प्लेस की जानकारी रखें।
    • बड़े खरीददारों, रेस्टोरेंट या प्रोसेसिंग यूनिट से सीधा संपर्क बना लें, ताकि बेहतर दाम मिल सकें।
  3. उन्नत कृषि तकनीक
    • ग्रीनहाउस या पॉलीहाउस (Polyhouse) में टमाटर उगाकर आप सालभर फसल ले सकते हैं।
    • इससे मौसमी जोखिम कम होता है और उत्पाद की गुणवत्ता भी बेहतर रहती है।
  4. जैविक खेती (Organic Farming)
    • जैविक टमाटर की मांग लगातार बढ़ रही है। रसायनों का कम इस्तेमाल करने से उत्पाद की कीमत बाजार में अधिक मिल सकती है।
    • विदेशों में जैविक उत्पादों की माँग अच्छी है, निर्यात का अवसर भी मिल सकता है।
  5. तकनीक और प्रशिक्षण
    • कीटनाशक का सही समय पर और सही मात्रा में उपयोग करें।
    • ड्रोन या आधुनिक स्प्रेयर की सहायता लेकर समय और श्रम की बचत करें।
    • कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या कृषि अनुसंधान संस्थानों में होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लें, ताकि आपको टमाटर की खेती में नवीनतम तकनीक की जानकारी मिल सके।
  6. कृषि बीमा और सब्सिडी
    • सरकार की तरफ से मिलने वाली सब्सिडी और कृषि बीमा योजनाओं की जानकारी रखें। इससे फसल नुकसान होने की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा मिलती है।
    • फसल बीमा कराकर आप प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं।

टमाटर की खेती (Tomato Farming) एक आकर्षक और लाभदायक व्यवसाय है, बशर्ते आप उन्नत बीज, उचित सिंचाई, खाद प्रबंधन और रोग नियंत्रण पर ध्यान दें। एक सफल किसान को फसल की समय पर देखभाल, बाजार मूल्य का सही आकलन और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आप सही समय पर टमाटर की खेती कब करें, फसल प्रबंधन और बाजार रणनीति अपनाते हैं, तो निश्चित रूप से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

इस लेख में वर्णित “टमाटर की उन्नत किस्में”, रोग प्रबंधन के उपाय और अधिक मुनाफा कमाने के टिप्स का पालन करके आप अपनी फसल से बेहतरीन परिणाम पा सकते हैं। सबसे अहम बात यह है कि खेती को एक पारंपरिक काम के रूप में न देखकर, इसे एक उन्नत व्यवसाय के रूप में देखें, जहाँ शोध, प्रशिक्षण और मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इस तरह टमाटर की खेती न सिर्फ आपके परिवार को पोषण देगी बल्कि एक सफल कृषि उद्यम के रूप में भी स्थापित होगी।

Vinod Yadav

विनोद यादव हरियाणा के रहने वाले है और इनको करीब 10 साल का न्यूज़ लेखन का अनुभव है। इन्होने लगभग सभी विषयों को कवर किया है लेकिन खेती और बिज़नेस में इनकी काफी अच्छी पकड़ है। मौजूदा समय में किसान योजना वेबसाइट के लिए अपने अनुभव को शेयर करते है। विनोद यादव से सम्पर्क करने के लिए आप कांटेक्ट वाले पेज का इस्तेमाल कर सकते है।

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