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फसलों पर लगने वाले रोग को कहे बाय-बाय,करें इस जैविक कीटनाशक का प्रयोग!

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कीटनाशक फसलों के लिए जरूरी हैं क्योंकि वे फसलों को कीटों और रोगों से बचाते हैं। कीट और रोग फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं और उनकी उत्पादकता को कम करते हैं। कीटनाशकों का उपयोग करके किसान अपनी फसलों को सुरक्षित रख सकते हैं और उनकी उत्पादकता को बढ़ा सकते हैं।कीटनाशकों के उपयोग से फसलों की गुणवत्ता में भी सुधार होता है, लेकिन हानिकारक कीटनाशक फसलों को तो बचा लेते हैं परंतु स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं।इसलिए किसान अब खेतों में जैविक कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं l जैविक कीटनाशकों मे नीमास्त्र किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है, नीमाश्त्र के प्रयोग से किसान फसल पर लगने वाले कीटों को खत्म कर फसल को कीटों के प्रकोप से बचा सकते हैं l वहीं इसे घर पर आसानी से तैयार कर सकते है l

घर पर कैसे बनाएं जैविक कीटनाशक?

जैविक कीटनाशक इसलिए जरूरी हैं क्योंकि वे पर्यावरण के लिए सुरक्षित होते हैं और कीटों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। ये पदार्थ प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं और कीटों के प्रति विशिष्ट होते हैं।इन्ही कीटनाशकों में से एक सबसे प्रमुख जैविक कीटनाशक है l नीमास्त्र को घर पर आसानी से बनाया जा सकता है,नीमास्त्र बनाने के लिए 5 किलो नीम की पत्ती या फली, 5 किलो देशी गाय का गोबर और 5 किलो मूत्र की जरूरत पड़ेगी l

इस सामग्री को एकत्रित करने के बाद नीमास्त्र बनाना होता है l सबसे पहले नीम के पत्तों और सूखे फलों को कूटा जाता है, इसके बाद इसमें पानी मिलाया जाता है l इसमें फिर गाय का गोबर और गौमूत्र मिलाया जाता है, इस घोल को छाया में ही रखना अच्छा माना जाता है l दो दिन के बाद इसको महीन कपड़े से छान लेना होता है l अगर फसल, फल या सब्जी में कीट लगे हो तो वहां इसका छिड़काव करें,छिड़काव करने से शत प्रतिशत फायदा होगा l

सही मात्रा में इस्तेमाल

आपको बता दें कि 6 लीटर नीमास्त्र को 250 लीटर पानी में मिलाकर 1 हेक्टेयर के खेत पर छिड़काव किया जाता है l नीमास्त्र को फसलों के अलावा फलों के पेड़ों पर कीटों की रोकथाम के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है l 5 से 6 दिन के अंतराल में इसका प्रयोग फसलों पर किया जा सकता है, नीमास्त्र तैयार होने के बाद इसका लगभग 6 महीनों तक प्रयोग किया जा सकता है l यह जैविक तरीका किसानों के लिए कम लागत में लाभदायक है और रसायनिक कीटनाशकों का एक बेहतर विकल्प भी है l इसे अपनाकर किसान अपनी फसलों को कीटों से बचा भी सकते है और अपनी खेती जैविक तरीके से कर भी सकते हैं l नीमास्त्र रस चूसने वाले छोटे कीड़े, छोटी सुंडी, झिल्लियों को नियंत्रित करता है l

कुछ सामान्य प्रश्न

  • नीमास्त्र कैसा कीटनाशक है?
  • नीमास्त्र एक जैविक कीटनाशक है जो फल,फूल पर बैठने वाले छोटे-मोटे कीड़ो को आसानी से मार देता है l
  • नीमास्त्र किन सामग्रियों द्वारा बनाया जाता है?
  • नीमास्त्र बनाने के लिए 5 किलो नीम की पत्ती या फली, 5 किलो देशी गाय का गोबर और 5 किलो मूत्र की जरूरत पड़ेगी l
  • क्या इससे फसलों को कोई नुकसान होगा?
  • नहीं
  • नीमास्त्र का प्रयोग कब तक किया जा सकता है?
  • नीमास्त्र एक बार बनाने के बाद इसका प्रयोग 6 महीने तक किया जा सकता है  l

Vinod Yadav

विनोद यादव हरियाणा के रहने वाले है और इनको करीब 10 साल का न्यूज़ लेखन का अनुभव है। इन्होने लगभग सभी विषयों को कवर किया है लेकिन खेती और बिज़नेस में इनकी काफी अच्छी पकड़ है। मौजूदा समय में किसान योजना वेबसाइट के लिए अपने अनुभव को शेयर करते है। विनोद यादव से सम्पर्क करने के लिए आप कांटेक्ट वाले पेज का इस्तेमाल कर सकते है।

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