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Murgi Palan Business: लाखों में कमाई वाला डिमांडिंग बिज़नेस, जाने कैसे कर सकते है मुर्गी पालन का बिज़नेस शुरू

By Vinod Yadav

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Murgi Palan Business

Murgi Palan Business: मुर्गी पालन (Poultry Farming) आज के समय में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों दोनों में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसके पीछे मुख्य कारण है कम लागत में अच्छी आमदनी की संभावना और मुर्गी से प्राप्त होने वाले अंडे तथा मांस की बढ़ती माँग। छोटे पैमाने पर भी अगर आप मुर्गियों की देखभाल और उनके स्वास्थ्य पर ध्यान दें, तो यह व्यवसाय आसानी से आगे बढ़ सकता है। यह न सिर्फ घरेलू उपयोग के लिए फायदेमंद है, बल्कि बड़े स्तर पर करने पर यह बहुत अच्छा मुनाफ़ा भी दे सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ कृषि पर निर्भरता अधिक होती है, वहाँ मुर्गीपालन (Murgi Palan) एक सहायक आय के रूप में उभरकर सामने आया है।

मुर्गी पालन का इतिहास काफी पुराना है और समय के साथ इसमें बदलाव आता रहा है। पहले लोग पारंपरिक ढंग से देशी मुर्गीपालन करते थे, परंतु अब नई-नई नस्लों की मुर्गियों का पालन होने लगा है, जैसे लेयर मुर्गीपालन (Layer Farming) और ब्रॉयलर मुर्गीपालन (Broiler Farming)। इसमें तकनीकी उन्नति और वैज्ञानिक तरीकों से मुर्गियों की देखभाल की जाती है जिससे उनका उत्पादन बढ़ता है। यदि आप मुर्गी पालन का बिजनेस प्लान (Murgi Palan ka Business Plan) सही तरीके से बनाते हैं, तो आप कम समय में अच्छी कमाई कर सकते हैं।

मुर्गी पालन के फायदे

मुर्गी पालन में बहुत अधिक फायदा आज के समय में हो रहा है उसका कारण यही है की डिमांड अब बहुत अधिक हो चुकी है। मुर्गी का पालन कम हो रहा है और डिमांड अधिक है जिसके चलते कई बात तो बाहरी देशों से आयत करके मुर्गियों को लाया जाता है। फिर भी बहुत अधिक लाभ इसमें मिलता है।

कम निवेश, ज्यादा कमाई: मुर्गीपालन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसकी शुरुआत कम निवेश से भी की जा सकती है। आप कुछ मुर्गी चूजे (Murgi Chooje) खरीदकर उन्हें पालना शुरू करें और जैसे-जैसे मुनाफ़ा बढ़े, उसी हिसाब से अपना व्यवसाय बढ़ाते जाएँ।

ऊपजाऊ खाद का स्रोत: मुर्गियों से प्राप्त होने वाला मल कृषि के लिए बहुत उपयोगी होता है। इस खाद में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो खेती की उत्पादकता बढ़ाते हैं।

अंडे और मांस की स्थाई माँग: अंडे और मुर्गी का मांस (Chicken Meat) खाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पोषण की दृष्टि से भी अंडे और चिकन में काफी प्रोटीन होता है। इस कारण इनकी माँग बाज़ार में हमेशा बनी रहती है।

नए उत्पादों की गुंजाइश: मुर्गी पालन में आप केवल अंडे और मांस तक सीमित नहीं हैं। अंडों की प्रोसेसिंग से केक, बिस्कुट, मेयोनेज़ आदि खाद्य पदार्थ बनाए जा सकते हैं, जो अतिरिक्त आमदनी का साधन बन सकते हैं।

मुर्गी पालन के नुकसान

किसान भाई अच्छे से जानते है की जहां पर लाभ होता है वहां हानि भी होती है और जहां आपको फायदा मिल रहा है उसमे कहीं ना कहीं नुकसान होने की सम्भावना भी रहती है। कुछ बातें है जो आपको अपने मुर्गी पालन के बिज़नेस में नुकसान की तरफ लेकर जाती है लेकिन फिर भी आप अगर इन पर ध्यान देते है तो अपने होने वाले नुकसान से अपने आप को बचा सकते है।

बीमारियों का जोखिम: मुर्गी पालन में बिमारियों का सबसे अधिक दर रहता है और इसके चलते नुकसान भी कभी कभी बहुत अधिक होता है। यदि मुर्गियों को सही टीकाकरण (Vaccination) समय पर न कराया जाए तो वे आसानी से बीमार पड़ सकती हैं। पक्षियों में फैलने वाले रोग (जैसे बर्ड फ्लू) से पूरा स्टॉक प्रभावित हो सकता है।

पर्याप्त स्थान और साफ-सफाई की आवश्यकता: आपको बहुत अधिक साफ सफाई पर ध्यान देना होगा क्योंकि गंदगी से ही बिमारियों का जन्म होता है। मुर्गियों को रखने के लिए पर्याप्त स्थान चाहिए। यदि जगह छोटी होगी, तो बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। साफ-सफाई में कमी होने से भी मुर्गियों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा।

बाज़ार में प्रतिद्वंदिता: डिमांड अधिक है तो आपको अपने बिज़नेस में प्रतिद्वंदियों का सामना तो करना ही पड़ेगा लेकिन इसके चककर में किसानों को भाव नहीं मिल पाते है जो की आर्थिक नुकसान का कारण बनता है। मुर्गी पालन के बढ़ते चलन के कारण बाज़ार में प्रतिस्पर्धा भी तेज़ हो रही है। ऐसे में आपको बेहतर गुणवत्ता और उचित कीमत पर अपने उत्पाद देने की आवश्यकता होगी।

मौसम पर निर्भरता: ये तो किसान का दुश्मन है और मौसम के चलते बहुत से किसान इतनी बुरी तरह से प्रभावित होते है की वो कर्जे में दब जाते है। अत्यधिक ठंड या गर्मी से मुर्गियों को नुकसान हो सकता है। मुर्गीपालन का ढाँचा (शेड) अगर मौसम-प्रतिरोधी न हो, तो उनका स्वास्थ्य प्रभावित होता है।

मुर्गी पालन में किन बातों का ध्यान रखें

  1. उचित नस्ल का चयन: अपने इलाके की जलवायु और बाज़ार की माँग के हिसाब से मुर्गियों की नस्ल चुनें। ब्रॉयलर मुर्गीपालन (Broiler Farming) मांस के लिए अच्छा है, जबकि लेयर मुर्गीपालन (Layer Farming) अंडों के लिए उत्तम माना जाता है। देशी मुर्गीपालन (Desi Murgi Palan) भी कुछ क्षेत्रों में बहुत लोकप्रिय है।
  2. टीकाकरण और दवाईयों का प्रबंधन: मुर्गियों को समय-समय पर टीकाकरण ज़रूर करवाएँ। बीमारियों की आशंका कम करने के लिए पशु चिकित्सक की सलाह लें और नियमित रूप से दवाईयों का छिड़काव या मिलावट करें।
  3. संतुलित आहार और पानी: मुर्गियों को संतुलित आहार (मुर्गी दाने का फॉर्मूला) और स्वच्छ पानी मिलना बहुत ज़रूरी है। अगर आप घर पर ही दाना तैयार कर रहे हैं तो उसमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए।
  4. शेड का निर्माण और साफ-सफाई: मुर्गियों के शेड का निर्माण इस तरह करें कि उन्हें पर्याप्त हवा, रोशनी और स्थान मिल सके। शेड में नियमित साफ-सफाई बनाए रखें और समय-समय पर कीटाणुनाशक दवाइयों का छिड़काव करें।

मुर्गी पालन का बिजनेस करने में आने वाली समस्याएँ

  1. मार्केटिंग और वितरण: उत्पाद को सही दाम पर बेचने के लिए बाज़ार से जुड़ना होगा। नई जगहों पर वितरण नेटवर्क तैयार करना कभी-कभी कठिन हो सकता है।
  2. मौसमी प्रभाव: बहुत ठंडे या बहुत गर्म इलाकों में मुर्गियों की देखभाल पर खर्च बढ़ जाता है। हीटिंग या कूलिंग सिस्टम लगाना जरूरी होता है, जो शुरू में महँगा पड़ सकता है।
  3. पूँजी की कमी: कई बार बड़े स्तर पर व्यवसाय शुरू करने में पूँजी की कमी आती है। इसके लिए आप मुर्गीपालन लोन (Murgi Palan Loan) या सरकारी योजनाओं की जानकारी ले सकते हैं।
  4. बीमारियों से रोकथाम: यदि एक बार कोई संक्रामक बीमारी आ गई तो उसे रोकने में काफी मेहनत और पैसा लग सकता है। बीमारियों के कारण उत्पादन भी काफी घट सकता है।

मुर्गी पालन की पूरी प्रक्रिया

मुर्गी पालन की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है क्योंकि इसके लिए आपको शुरआत से शुरू करना होता है। अपने बिज़नेस की शुरआत करने के लिए आपको बहुत सारा प्रबंध करना पड़ता है ताकि मुर्गियों के लिए [पूरी वयवस्था हो सके। इसके लिए आपको पूरी डिटेल में जानने की जरुरत है की कैसे आप इस बिज़नेस को आसानी के साथ में खड़ा कर सकते है। देखिये पूरा प्रोसेस की कैसे आप इस बिज़नेस में सफलता प्राप्त कर सकते है।

  1. व्यवसाय की योजना: किसी भी बिज़नेस को शुरू करने से पहले आपको योजना बनानी ही पड़ती है और इसके बिना आप अपना बिज़नेस शुरू नहीं कर सकते है।
    • बिजनेस प्लान तैयार करें, जिसमें अनुमानित लागत, मुर्गियों की संख्या, नस्ल, शेड का आकार और बाज़ार की रणनीति शामिल हो।
    • यह प्लान आपको शुरुआती चरण से ही साफ़ लक्ष्य निर्धारित करने में मदद करेगा।
  2. शेड या स्थान का चयन:
    • कोशिश करें कि स्थान धूपदार और हवा आने-जाने लायक हो।
    • जगह पर पानी और बिजली की सुविधा भी होनी चाहिए।
    • शेड को इस तरह डिजाइन करें कि मुर्गियों को भीड़भाड़ न लगे।
  3. नस्ल का चुनाव:
    • यदि जल्दी मुनाफ़ा चाहिए तो ब्रॉयलर मुर्गियों से शुरुआत करें।
    • अंडों की जरूरत और लंबी अवधि का लाभ चाहते हैं तो लेयर मुर्गियाँ पालें।
    • स्थानीय बाज़ार की माँग को समझकर देशी मुर्गीपालन भी कर सकते हैं।
  4. मुर्गी चूजों की खरीद:
    • चूजों को किसी विश्वसनीय हैचरी (Hatchery) या सरकारी केंद्र से खरीदें।
    • खरीदने से पहले चूजों के स्वास्थ्य की जाँच करें।
  5. शुरुआती देखभाल:
    • चूजों को शुरुआती कुछ हफ़्तों तक विशेष तापमान और पोषक दाने की आवश्यकता होती है।
    • उनके शेड में तापमान नियंत्रित करने के लिए बल्ब या हीटर का इस्तेमाल करें।
  6. दाना और पानी की व्यवस्था:
    • मुर्गियों को संतुलित दाना खिलाएँ, जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और मिनरल्स हों।
    • स्वच्छ पानी दिनभर उपलब्ध रखें और दानों के बर्तनों को नियमित साफ़ करें।
  7. विकास और देखभाल:
    • मुर्गियों का वजन और स्वास्थ्य नियमित रूप से चेक करते रहें।
    • कोई भी लक्षण संदिग्ध लगे तो तुरंत पशु चिकित्सक से सलाह लें।
  8. टीकाकरण:
    • समय-समय पर मुर्गियों का टीकाकरण (Vaccination) कराएँ, जिससे रोगों का खतरा कम हो।
    • टीके की जानकारी पशु चिकित्सक या सरकारी पशुपालन विभाग से प्राप्त करें।
  9. बाज़ार में बिक्री:
    • तैयार मुर्गियों को स्थानीय चिकन की दुकानों, होटल या बड़े दुकानदारों को बेचें।
    • अंडों की बिक्री के लिए डेयरी, किराना स्टोर, या थोक विक्रेताओं से संपर्क करें।

मुर्गी पालन में जरूरी सामान और उसकी उपलब्धता

  1. शेड बनाने का सामान:
    • बांस, लकड़ी, लोहे की जाली, टीन की चादरें आदि।
    • यह सामान स्थानीय हार्डवेयर दुकानों में आसानी से मिल जाता है।
  2. दाना भंडारण के बर्तन:
    • प्लास्टिक या लोहे के ड्रम, कट्टे, पैकेट आदि, ताकि दाने को सुरक्षित रखा जा सके।
    • यह सामान कृषि उपकरण बेचने वाली दुकानों पर उपलब्ध होता है।
  3. पानी पीने के उपकरण:
    • ऑटोमैटिक वॉटर ड्रिंकर या साधारण कटोरियाँ।
    • इन्हें पशु-पालन से संबंधित दुकानों या ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म से खरीदा जा सकता है।
  4. दवा और टीकाकरण किट:
    • पशु चिकित्सा केंद्रों से या अधिकृत पशु-औषधि विक्रेताओं से खरीदा जा सकता है।
    • ध्यान रखें कि डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा न दें।

मुर्गी पालन में कितनी बचत होती है?

इसको हम कई चरणों में बांट कर आपको डिटेल में बताते है की आपको कितना मुनाफा हो सकता है। देखिये इसमें सबसे पहले शुरुआती लागत का हिसाब किताब लगाना जरुरी होता है जिसमे चूजों की कीमत, शेड निर्माण, दाने, दवाई आदि शमिल होती है। इसके बाद बात आती है आमदनी की तो ब्रॉयलर मुर्गियों को 35-45 दिनों के बीच बेचने से प्रति मुर्गी उचित मुनाफ़ा हो सकता है। इसके साथ ही लेयर मुर्गियाँ अंडे देती हैं, जो नियमित आमदनी का स्रोत बनता है।

इसके हिसाब से अगर हम आपके इस मुर्गी पालन के बिज़नेस में आने वाली बचत का आकलन करते है तो कुल मिलकर आपको 20 फीसदी तक की बचत हो जाती है। यदि आप 100 ब्रॉयलर मुर्गियों से शुरुआत करते हैं तो एक चक्र (करीब 40 दिन) में कुल निवेश और बिक्री के बीच 15-20% का लाभ संभव है। लेयर मुर्गियों के मामले में अंडों की बिक्री से लगातार आय मिलती है, परंतु शुरू में कुछ इंतज़ार करना पड़ता है।

कहाँ-कहाँ इस्तेमाल होता है मुर्गी पालन से प्राप्त उत्पाद?

  1. घरेलू उपभोग:
    • अंडे और मांस घर पर ही उपयोग हो सकते हैं। इससे परिवार को ताज़ा और सस्ता पोषण मिलता है।
  2. बाज़ार में बिक्री:
    • रेस्टोरेंट, होटल, ढाबे, किराना दुकान, सुपरमार्केट आदि।
    • बड़ी दुकानें और ई-कॉमर्स पोर्टल भी अंडों और मांस की ऑनलाइन बिक्री करते हैं।
  3. प्रोसेसिंग इंडस्ट्री:
    • अंडों से केक, बिस्कुट, ब्रेड, मेयोनेज़ जैसे उत्पाद बनाए जाते हैं।
    • चिकन का उपयोग कई तरह के प्रोसेस्ड मीट प्रोडक्ट बनाने में होता है।
  4. खाद के रूप में:
    • मुर्गी पालन से प्राप्त मल को खेतों में उर्वरक की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
    • जैविक खेती (Organic Farming) में इसका बहुत ज्यादा उपयोग होता है।

मुर्गीपालन (Murgi Palan) एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें कम निवेश पर भी आप अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं। इसमें अंडे और मांस की ऊँची माँग के चलते बाज़ार की कमी नहीं रहती। यदि आप उचित नस्ल चुनें, साफ-सफाई पर ध्यान दें, समय-समय पर टीकाकरण करें और बाज़ार से जुड़े रहें, तो सफलता की संभावना काफी अधिक होती है। हालाँकि, इस व्यवसाय में बीमारियों और मौसम से जुड़ी चुनौतियाँ भी आती हैं, परंतु सही प्रबंधन और सतर्कता बरतने पर उनका सामना करना आसान हो जाता है। यदि आप मुर्गीपालन को व्यवसाय के रूप में अपनाना चाहते हैं, तो एक ठोस बिजनेस प्लान (Business Plan) तैयार करें, पूँजी का इंतज़ाम करें, और इस उद्योग में उपलब्ध सरकारी योजनाओं या लोन (Loan) विकल्पों की जानकारी भी जुटाएँ। इस तरह आप धीरे-धीरे अपने काम को बड़ा कर सकते हैं और उत्तरोत्तर लाभ कमा सकते हैं।

महत्वपूर्ण: कोई भी व्यवसाय शुरू करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह, स्थानीय मार्केट का सर्वे और पशु-चिकित्सक से परामर्श ज़रूर लें, ताकि आप मुर्गीपालन को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा सकें।

Vinod Yadav

विनोद यादव हरियाणा के रहने वाले है और इनको करीब 10 साल का न्यूज़ लेखन का अनुभव है। इन्होने लगभग सभी विषयों को कवर किया है लेकिन खेती और बिज़नेस में इनकी काफी अच्छी पकड़ है। मौजूदा समय में किसान योजना वेबसाइट के लिए अपने अनुभव को शेयर करते है। विनोद यादव से सम्पर्क करने के लिए आप कांटेक्ट वाले पेज का इस्तेमाल कर सकते है।

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